माइंस सचिव ने आस्ट्रेलिया की कर्टिन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर से की चर्चा
-एआई का उपयोग, शोध- विश्लेषण और बेहतर एक्सप्लोरेशन को मिलेगा बढ़ेगा
जयपुर। प्रमुख सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम टी. रविकान्त ने बुधवार को सचिवालय में आस्ट्रेलिया की जॉन कर्टिन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विष्णु पारीक से उदयपुर में इंस्टीट्यूट ऑफ माइंस, जयपुर में एक्सीलेंस सेंटर और राजस्थान मिनरल एक्सप्लोरेशन कारपोरेशन की स्थापना और विष्वस्तरीय माइनिंग सेंटर बनाने के संबंध में विस्तार से विचार विमर्श किया। गौरतलब है प्रोफेसर विष्णु पारीक आस्ट्रेलिया की कर्टिन विश्वविद्यालय में विज्ञान और इंजीनियरिंग संकाय के अधिष्ठाता (डीन) है।
प्रमुख सचिव माइंस टी. रविकान्त ने बताया कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व व मार्गदर्शन में राजस्थान माइनिंग सेक्टर में अग्रणी प्रदेष बन गया है। भजन लाल शर्मा प्रदेष मेें माइनिंग सेक्टर में इन संस्थानों की स्थापना से विश्वस्तरीय अध्ययन, शोध, विश्लेषण और प्रबंधन सुविधा उपलब्ध कराने, सस्टेनेबल माइनिंग, माइनिंग सेक्टर में सुरक्षा मानदण्डों की पालना के साथ ही उच्चस्तरीय एक्सप्लोरेशन अध्ययन केन्द्र बनाने की दिषा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के युवाओं को माइनिंग इंजीनियरिंग क्षेत्र में आगे आने का अवसर मिलेगा वहीं प्रदेश में माइनिंग सेक्टर में उच्च स्तरीय अध्ययन, शोध, एक्सप्लोरेशन के अवसरों का लाभ प्रदेष के माइनिंग सेक्टर के समग्र विकास में प्राप्त हो सकेगा।
टी. रविकान्त ने कहा कि आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस का माइनिंग सेक्टर में किस तरह से उपयोग कर लाभान्वित हो सकते हैं, इसके लिए मिशन लर्निंग इन एक्सप्लोरेशन सहित खनिज क्षेत्र में एआई के उपयोग की संभावनाएं भी हो सकेगी।आस्ट्रेलिया की कर्टिन विश्वविद्यालय के विज्ञान व इंजीनियरिंग संकाय के डीन प्रो. विष्णु पारीक ने आरंभिक चर्चा के दौरान सुझाव दिए और परस्पर सहयोग की संभावनाओं को तलाषने का विष्वास दिलाया। उन्होंने कहा कि आज विश्व में माइनिंग सेक्टर की अलग ही पहचान और निर्भरता बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में विपुल खनिज संपदा है और आरईई की उपलब्धता से आज राजस्थान का खनिज क्षेत्र में खास महत्व हो गया है।
प्रो. विष्णु पारीक ने राजस्थान सरकार की पहल की सराहना करते हुए बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा स्थापित होने वाले संकायों में आस्ट्रेलिया के कर्टिन विश्वविद्यालय की सहभागिता की संभावनाओं को तलाश कर जल्दी ही विस्तृत कार्ययोजना बनाकर राज्य सरकार को प्रेषित की जाएगी। उन्होंने बताया कि आज एआई, सस्टेनेबल माइनिंग के साथ ही जीरो लॉस माइनिंग पर जोर दिया जा रहा है जिस पर परस्पर सहयोग से प्रदेश में अच्छा व ठोस कार्य किया जा सकता है।प्रोफेसर विष्णु पारीक ने बताया कि उनकी जन्मभूमि राजस्थान और जयपुर जिला रहा है और एमएनआईटी के विद्यार्थी रह चुके हैं। वे आस्ट्रेलिया के कर्टिन विश्वविद्यालय में 2021से डीन है। उनका खनिज, ऊर्जा और रासायनिक इंजीनियरिंग क्षेत्र में खास अध्ययन है।



