सड़क दुर्घटनाओं के तुलनात्मक अध्ययन से करें प्रभावी सड़क सुरक्षा प्रबंधन : जिला कलक्टर

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चूरू। जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा व एसपी जय यादव ने सोमवार को डीओआईटी वीसी सभागार में सड़क सुरक्षा बैठक में अधिकारियों को सड़क सुरक्षा से संबंधित बिन्दुओं पर चर्चा कर समुचित निर्देश दिए। बैठक के दौरान जिला कलक्टर सुराणा ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के तुलनात्मक अध्ययन से प्रभावी सड़क सुरक्षा प्रबंधन करें। सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी अपनी विभागीय गतिविधियों का समुचित एनालिसिस करते हुए समयबद्ध ढंग से संपादित करें। इसी के साथ सभी एजेंसियां रोड सेफ्टी ऑडिट करवाएं व रिपोर्ट प्रस्तुत करें और ऑब्जर्वेशन पर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि ओवरलोडिंग चलने वाले वाहनों व बिना फिटनेस चलने वाली बाल वाहिनियों पर कार्रवाई करें। टोल प्लाजा पर नियमित रूप से नेत्र जांच शिविर आयोजित किए जाएं तथा आमजन को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक करें।

उन्होंने कहा कि सभी विभागों की समन्वित भागीदारी से सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्राण करें। सड़क दुर्घटनाओं के कारणों को जानने के बाद उनके निराकरण की दिशा में प्रयास करें। सभी विभाग अपेक्षित गतिविधियां पूरी करें। इसी के साथ सड़क सुरक्षा फंड के उपयोग के लिए आवश्यक प्रस्ताव भिजवाएं। उन्होंने जिले में हुई सड़क दुर्घटनाओं का तुलनात्मक विश्लेषण करते हुए अधिकतम सड़क दुर्घटनाओं वाले स्थानों पर दुर्घटना के कारणों पर चर्चा करते हुए अपेक्षित कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

एसपी जय यादव ने कहा कि रोड इंजीनियरिंग का विशेष ख्याल रखें। सड़क दुर्घटनाओं का अहम कारण रोड इंजीनियरिंग में रही कमियां है। इन खामियों को दुरूस्त करें तथा हम सभी को सड़क हादसों की रोकथाम के लिए गंभीरता से प्रयास करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को सम्मानित करें। मुख्यमंत्री आयुष्मान जीवन रक्षा योजना अंतर्गत सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले भले व्यक्तियों को पुरस्कार स्वरूप 10 हजार रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के समन्वय से ओवरस्पीडिंग, ड्रिंक कर ड्राइव करने वालों एवं यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई करें। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं में की गई कार्यवाही की जानकारी लेते हुए सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान सड़क सुरक्षा के लिहाज से रिडकोर, आरएसआरडीसी, एनएचएआई इत्यादि रोड ऑनिंग एजेंसी सड़कों पर आवश्यक मार्किंग, इल्यूजन ब्रेकर, साइनेज आदि लगाने, सड़कों के किनारे कंटीली झाड़ियों, कचरे के डिपो, अवांछित सामग्री आदि को हटवाने, सड़क सुरक्षा ऑडिट करवाने, स्पीड ब्रेकर बनवाने, रोशनी व ब्लैक स्पॉट चिन्हीकरण करते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं दुरूस्त करने के निर्देश दिए गए।
संबंधित विभागों व एजेंसियों के अधिकारियों ने सड़क सुरक्षा को लेकर की जा रही कार्यवाही की जानकारी दी।
इस दौरान डीवाईएसपी सुनील झाझड़िया, प्रशिक्षु आरएएस साक्षी पुरी, सानिवि एसई पंकज यादव, डीटीओ नरेश कुमार, सीएमएचओ डॉ मनोज शर्मा सहित एनएचएआई, एआईआरडी, रिडकोर सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे।

परिवहन विभाग ने 315 बाल वाहिनियों की जांच की, 08 बसों को किया सीज
बैठक के दौरान डीटीओ नरेश कुमार ने बताया कि जिला कलक्टर के निर्देशानुसार विभाग के अधिकारियों द्वारा जिले में पंजीकृत कुल 770 बाल वाहिनियों में से 315 बाल वाहिनियों की जांच की गई। जांच के बाद 69 चालान बनाए गए हैं तथा 08 बसों को सीज किया गया है। इसी के साथ बिना फिटनेस, बीमा, प्रदूषण प्रमाण-पत्र व परमिट नहीं होने के संचालित होने वाली 249 बाल वाहिनियों को नोटिस जारी कर 219 वाहनों का पंजीयन निलंबित किया गया है।
उन्होंने सभी स्कूल संचालकों से अपील की है कि संस्थान की समस्त बाल वाहिनियों के समस्त दस्तावेज पूर्ण कर ही संचालन करें। आगे भी अवैध व विभागीय नियमों का पालन नहीं करने वाली बाल वाहिनियों पर कार्रवाई की जाएगी।

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