जयपुर । दो दिवसीय राजस्थान विज्ञान महोत्सव एवं राष्ट्रीय विज्ञान दिवस- 2025 का उद्घाटन गुरुवार को एपेक्स यूनिवर्सिटी, जयपुर में आयोजित हुआ। यह कार्यक्रम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान भारती राजस्थान और अन्य शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानों के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।समारोह के मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और विद्यार्थियों को विज्ञान एवं नवाचार में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। विज्ञान और नवाचार में उनकी भागीदारी ही उन्हें वैश्विक नेतृत्व प्रदान कर सकती है। हमें युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवीन प्रयोगों के लिए प्रेरित करना चाहिए जिससे वे वैश्विक स्तर पर अपने कौशल का प्रदर्शन कर सकें।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि सांसद मंजू शर्मा (जयपुर शहर) ने विज्ञान और समाज के बीच मजबूत संबंध स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विज्ञान को आमजन तक पहुँचाने और इसे सरल व प्रभावी बनाने की दिशा में इस प्रकार के आयोजनों को महत्वपूर्ण बताया।विभिन्न वक्ताओं ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को हमारे पारम्परिक ज्ञान का उपयोग कर वैश्विक समस्याओं के प्रभावी निदान करने में उपयोगी बताया। उन्होंने वेद व अन्य प्राचीन ज्ञान के महत्व को रेखांकित किया।इस अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने मुख्य वक्ता के रूप में विज्ञान और अनुसंधान के वर्तमान परिदृश्य पर विस्तृत चर्चा करते हुए युवाओं को नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में डॉ. मेघेन्द्र शर्मा सचिव, विज्ञान भारती राजस्थान ने इस विज्ञान महोत्सव के उद्देश्यों और इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को वैज्ञानिक सोच अपनाने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर विज्ञान प्रदर्शनियों, व्याख्यानों और कार्यशालाओं का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया।राष्ट्रीय विज्ञान दिवस प्रतिवर्ष 28 फ़रवरी को महान वैज्ञानिक सी.वी. रमन की खोज ‘रमन प्रभाव’ की स्मृति में मनाया जाता है। इस वर्ष के राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम “एम्पॉवरिंग यूथ फॉर ग्लोबल लीडरशिप इन साइंस एंड इनोवेशन फॉर विकसित भारत“ के अनुरूप कार्यक्रम में विज्ञान के क्षेत्र में भारत की वैश्विक पहचान को सशक्त बनाने के लिए युवाओं की भागीदारी पर विशेष ध्यान दिया गया।