चित्तौड़गढ़। महिलाओं को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने और जागरूक करने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 24 फरवरी को वित्तीय साक्षरता सप्ताह मनाया गया। इस पहल के तहत सरकारी कन्या महाविद्यालय, गांधीनगर, चित्तौड़गढ़ में एक विशेष वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित किया गया, जिसमें महिलाओं को बचत, निवेश, ऋण, बजट प्रबंधन और साइबर धोखाधड़ी से बचाव पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। शिविर का उद्घाटन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. गौतम कुकड़ा ने किया, जिन्होंने महिलाओं को वित्तीय शिक्षा से सशक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर सागर पवार (RBI LDO), परेश टैंक (LDM, चित्तौड़गढ़), सचिन सक्सेना (ALDM), अशोक कोठारी (निदेशक, RSETI), विष्णु दत्त (CFL) प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
शिविर में भारतीय रिज़र्व बैंक के सागर पवार ने बचत, बजट, निवेश रणनीतियों और ऋण प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समझदारी से वित्तीय निर्णय लेने से महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं और अपने परिवार व समाज में एक सशक्त भूमिका निभा सकती हैं। विष्णु दत्त ने साइबर धोखाधड़ी से बचाव पर एक विशेष सत्र लिया, जिसमें फिशिंग, ओटीपी फ्रॉड और डिजिटल लेन-देन की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला। अशोक कोठारी ने महिलाओं को स्वरोजगार और कौशल विकास के अवसरों के बारे में बताया, जिसमें ड्रेस मेकिंग, ब्यूटी पार्लर तकनीक, जूट उत्पाद निर्माण जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं। पंकज बोहरा ने बैंकिंग सेवाओं जैसे बचत खाता, एफडी, ऋण योजनाएं और निवेश विकल्पों पर जानकारी दी, साथ ही बैंक धोखाधड़ी से बचने के उपायों पर भी चर्चा की।
महिलाओं के लिए वित्तीय सशक्तिकरण का संदेश
इस शिविर का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को वित्तीय जागरूकता, स्मार्ट निवेश, धोखाधड़ी से बचाव और आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना था। वित्तीय साक्षरता केवल पैसे के प्रबंधन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कार्यक्रम का समापन डॉ. आई.सी. मारवार द्वारा सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए किया गया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रयास महिलाओं को अपने वित्तीय अधिकारों और अवसरों के प्रति जागरूक करने में सहायक होते हैं।