कोटा। संभागीय आयुक्त राजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा है कि चंबल सिंचित क्षेत्र विकास अंतर्गत संचालित योजनाओं का प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन हो ताकि काश्तकारों को इसका पूरा लाभ मिले और उनका संबलन हो सके। संभागीय आयुक्त मंगलवार को सीएडी अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।
संभागीय आयुक्त ने विभिन्न योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की और निर्देश दिए कि हमारी प्राथमिकता टेल क्षेत्र तक पानी पहुंचाने की रहे ताकि काश्तकारों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि इटावा, केशोरायपाटन और बूंदी के टेल क्षेत्र में पानी पहुंचाने के लिए सभी ऐहतियाती कदम समय पर उठाए जाएं। साथ ही, मध्य प्रदेश को दिया जाने वाला पानी भी निर्धारित मात्रा में, निर्धारित समयावधि में पहुंचाया जाए।
जल प्रवाह की अलर्ट मोड में हो मॉनिटरिंग
उन्होंने निर्देश दिए कि आरएमसी तथा एलएमसी में जल प्रवाह की स्थिति की अलर्ट मोड में मॉनिटरिंग की जाए ताकि काश्तकारों को सिंचाई में कोई परेशानी नहीं आए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि कैचमेंट अंतर्गत चयनित ब्लॉक हिंगोनिया, बंजारी और रातड़िया में प्रत्येक काश्तकार को सिंचाई के लिए धोरा सुविधा, आवागमन के रास्ते तथा ड्रेनेज के लिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। यह कार्य 1 अप्रैल से प्रारंभ हो जाएं।
बजट घोषणाओं को धरातल पर लाने के लिए हो समयबद्ध कार्य
मुख्यमंत्री बजट घोषणाओं की समीक्षा करते हुए संभागीय आयुक्त ने निर्देश दिए कि बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिए समयबद्धता से कार्य हों। गत् वित्तीय वर्ष की बजट घोषणाओं को 25 जून तक पूर्ण किया जाए। जिन कार्यों की टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है उन्हें धरातल पर लाने के लिए 1 अप्रैल से कार्य आवश्यक रूप से शुरू कर दिए जाएं। कम प्रगति वाले कार्यों में संवेदकों के साथ बैठक कर कार्यों में गति लाने के निर्देश दिए जाएं।
कृषि विस्तार एवं अनुसंधान से समृद्ध बनें काश्तकार
कृषि संबंधी परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि सिंचाई जल का कुशल प्रबंधन एवं वितरण सुनिश्चित हो। नहरों को सुदृढ़ करने एवं उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न मरम्मत एवं रखरखाव कार्यों को समय पर प्रभावी तरीके से संपादित किया जाएं।
संभागीय आयुक्त ने कृषि विस्तार तथा कृषि अनुसंधान इकाई अंतर्गत संचालित योजनाओं की भी विस्तार से समीक्षा की। पाइपलाइन, मिनी किट, पौध संरक्षण, कृषि यंत्र, आदान व्यवस्था, फार्म पोंड, तारबंदी, फसल प्रदर्शन इत्यादि के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। अनुसंधान में नवीनतम फसलों का समावेश, विभिन्न फसलों की उन्नत व अधिकतम पैदावार सर्वेक्षण एवं नियंत्रण सिंचाई जल प्रबंधन, कृषकों की समस्याओं का तकनीकी निदान, भूजल गुणवत्ता की जांच इत्यादि के लिए संबंधित परियोजना अधिकारियों को निर्देशित किया।
फील्ड विजिट, रात्रि विश्राम करें अधिकारी
अधिकारियों को फील्ड में अधिक से अधिक निरीक्षण करने और किसानों की समस्याओं से रूबरू होने के निर्देश दिए। साथ ही, निर्देश दिए की मॉनिटरिंग सिस्टम के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएं। रात्रि विश्राम, दौरे, निरीक्षण आदि के प्रति गंभीर रहने, संपर्क पोर्टल, सतर्कता शाखा एवं विभिन्न इकाइयों में लंबित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के निर्देश भी दिए। सभी इकाइयों में शत-प्रतिशत कार्य ई-फाइलिंग के माध्यम से निष्पादन के भी निर्देश दिए।
अतिरिक्त क्षेत्रीय विकास आयुक्त हरफूल सिंह यादव ने विभिन्न योजनाओं में प्रगति की वस्तुस्थिति प्रस्तुत करते हुए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। बैठक में तहसीलदार सुरेन्द्र शर्मा, अधीक्षण अभियंता सिंचाई लखन लाल गुप्ता, अधीक्षण अभियंता बाईं मुख्य नहर हरेत लाल मीणा, भूमि विकास शिव लाल वर्मा, मुख्य लेखाधिकारी रोहित दीक्षित, सहायक निदेशक सीएडी कृष्ण मुरारी, परियोजना निदेशक शस्य अब्दुल खान, परियोजना निदेशक विस्तार जया मेहरा सहित विभिन्न इकाइयों के प्रभारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

चंबल सिंचित क्षेत्र विकास अंतर्गत योजनाओं की समीक्षा बैठक
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