राजस्थान में बढ़ता दलित उत्पीड़न: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार को घेरा

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जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में दलितों पर बढ़ते अत्याचारों को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दलितों के साथ अन्याय और उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे सामाजिक तानाबाना कमजोर हो रहा है।उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में शादियों के दौरान दलित दूल्हों की बारात निकालने पर धमकियां और मारपीट की घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने अजमेर, सांचौर और झुंझुनूं जैसी जगहों का उदाहरण देते हुए बताया कि दलित दूल्हों की बारात पुलिस सुरक्षा में निकालनी पड़ी, जो दर्शाता है कि राज्य में कानून-व्यवस्था कमजोर पड़ रही है।गहलोत ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि दलित समाज को अपने धार्मिक और सांस्कृतिक क्रियाकलापों के लिए भी पुलिस सुरक्षा की जरूरत पड़ रही है।

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या पुलिस का इकबाल इतना कमजोर हो गया है कि आमजन को अपनी परंपराओं को निभाने के लिए प्रशासन का सहारा लेना पड़ रहा है?उन्होंने मांग की कि पुलिस को ऐसे ठोस कदम उठाने चाहिए जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और समाज में सौहार्द बना रहे। उन्होंने राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा शासन में दलितों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव की घटनाएं बढ़ी हैं। सरकार को इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि दलित समुदाय को न्याय मिल सके।गहलोत ने कहा कि अगर प्रशासन इन मामलों में निष्क्रिय रहा तो सामाजिक असमानता और भेदभाव बढ़ता जाएगा, जिससे प्रदेश का माहौल खराब होगा। उन्होंने सामाजिक समरसता बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि संविधान सभी को समान अधिकार देता है और हर नागरिक को अपनी परंपराओं का पालन करने का अधिकार है। सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति जाति, धर्म या सामाजिक स्थिति के आधार पर भेदभाव का शिकार न हो।

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