धौलपुर। अनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान के तहत शुक्रवार को जिला स्तरीय एनीमिया मुक्त राजस्थान की आमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. धर्म सिंह मीणा की अध्यक्षता में किया गया। कार्यशाला में इसमें एडिशनल सीएमएचओ डॉ. गौरव मीणा, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.शिव कुमार शर्मा सहित समस्त बीसीएमओ, खंड कार्यक्रम अधिकारी,शिक्षा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला एवं खण्ड स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
कार्यशाला में सीएमएचओ डॉ. मीणा ने कहा कि अनीमिया मुक्त राजस्थान सरकार का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। एनीमिया मुक्त राजस्थान का मुख्य उद्देश्य है कि जिले में कोई भी बच्चा, किशोर-किशोरी व गर्भवती महिला खून की कमी से बीमारीग्रस्त ना हो। इसके लिए चिकित्सा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं शिक्षा विभाग को मिलकर कार्य करना है। कार्यशाला में प्रशिक्षक अश्विनी कुमार द्वारा पीपीटी के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया।
इस दौरान एसीएमएचओ डॉ. गौरव मीणा ने कहा कि जिले को एनीमिया मुक्त करना हमारा कर्तव्य है, इसके लिए सभी अपनी-अपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हुए आयरन की गुलाबी व नीली गोलियां व दवाओं के वितरण की सघन मॉनिटरिंग करना सुनिश्चित करें। एनीमिया मुक्त राजस्थान के तहत चिकित्सा विभाग, शिक्षा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग से सामंजस्य स्थापित कर खून की कमी के कारणों की प्रति आमजन को जागरूक करें। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों-कर्मचारियों को कार्यक्रम के अंतर्गत विभाग की कार्यप्रणाली की जानकारी दी। उन्होंने ने बताया कि बच्चों व गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोलियां वितरण करने के साथ-साथ शाला दर्पण एवं पीसीटीएस में समय अनुसार रिपोर्टिंग की जाए तथा अधिकारियों की ओर से इसकी मॉनिटरिंग की जाए। माह में एक बार इसकी बैठक आवश्यक रूप से हो। उन्होंने कहा कि 6 माह से 59 माह के छोटे बच्चों को आईएफ की सिरप आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दी जाएगी। इसी तरह 6 वर्ष से 9 वर्ष तक के विद्यालय जाने वाले बच्चों को विद्यालय में तथा विद्यालय ना जाने वाले बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गुलाबी गोली दी जाएगी। 10 से 19 वर्ष तक के विद्यालय जाने वाले बच्चों को विद्यालय में तथा विद्यालय ना जाने वाले बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर नीली गोली दी जाएगी। आयरन सिरप छह माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जाएगी। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं और सभी धात्री महिलाओं को भी आंगनबाड़ी के माध्यम से लाभान्वित किया जाएगा।