जनजाति उपयोजना अंतर्गत 7 दिवसीय बकरी पालन प्रशिक्षण हुआ संपन्न

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बूंदी। कृषि विज्ञान केन्द्र पर जनजाति उपयोजना के अन्तर्गत सात दिवसीय (11 से 17 फरवरी) बकरी पालन प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। जिसमें बूंदी जिले के 50 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष प्रो. हरीश वर्मा ने प्रशिक्षणार्थियों को बकरी पालन का महत्व एवं केन्द्र की गतिविधियों के बारे में बताया।
प्रशिक्षण प्रभारी डाॅ घनश्याम मीना ने प्रशिक्षण के दौरान पशुपालक प्रशिक्षणार्थियों को बकरी फार्म की स्थापना में जगह का चुनाव एवं मिट्टी पानी की जांच का महत्व, बकरी आवास निर्माण, बकरियों की नस्लों का चुनाव, बकरे बकरियों की खरीद, बकरियों में होने वाले प्रमुख रोग एवं उनकी रोकथाम, टीकाकरण, गर्भावस्था के दौरान देखभाल, बकरी के बच्चों की देखभाल, बकरियों में आहार व्यवस्था, बकरी की आवास व्यवस्था, बकरियों के लिए आहार व चारा प्रबन्धन, चारे का सूखा आचार (हे) एवं गीला आचार (साइलेज) बनाना, चारे के लिए उन्नत ठाण निर्माण, संतुलित पशु आहार बनाना, खनिज मिश्रण एवं नमक का उपयोग, चारे के लिए वृक्षारोपण, वर्षभर चारा उत्पादान, पशुआहार बनाने , लेखा-जोख रखने के लिए रिकाॅर्ड संधारण आदि के बारे में विस्तार से बताया।
प्रशिक्षण के दौरान प्रायोगिक जानकारी जैसे थर्मामीटर द्वारा शरीर का तापमान मापना, बकरी का वजन तौलना, डी वार्मिंग (कीड़े मारने की दवाई पिलाना), टीकाकरण का समय तथा टीकाकरण की विधि, खुर काटना, उम्र का निर्धारण, आहार बनाना, टेग लगाना, सुई लगाना एवं बकरे बकरियों से अधिक पैसा कमाने के लिए उन्हें आॅनलाईन बेचने के तरीकों के बारे में बताया। साथ ही बकरी के दूध से उत्पाद जैसे पनीर, मावा बनाना, रिकाॅर्ड रखना तथा मांस से प्रसंस्कृत उत्पाद समोसे, कचोरी, पकौड़े, नगट्स आदि बनाना व पैक कर दूसरे स्थान पर भेजने से संबंधित जानकारी दी।
वरिष्ठ पशु चिकित्सक डाॅ. जितेन्द्र सिंह गौड़ ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी एवं डाॅ. मुकेश कुमार मीणा, वरिष्ठ पशु चिकित्सक ने अनुदानित बीमा योजनाओं की जानकारी दी, जिससे पशुपालकों को आर्थिक क्षति से बचाया जा सके। बीमा के लिए पशुपालक किसी भी पशु चिकित्सालय में सम्पर्क कर सकते हैं।
जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड राजकुमार, ने किसानों से संबंधित नाबार्ड की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
बकरी पालन प्रशिक्षण के समापन पर डाॅ. घनश्याम मीणा ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये। प्रशिक्षण के दौरान कुमार वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता, स्टेनोग्राफर विकास ताखर, लोकेश प्रजापत, चन्द्र प्रकाश श्रृंगी, दुर्गा सिंह सोलंकी व रामप्रसाद ने सहयोग प्रदान किया।

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