वाशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशी यूएस फॉरेन करप्शन एक्ट (एफसीपीए) के प्रवर्तन को आसान बनाने के लिए एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत अब इस कानून का कार्यान्वयन रुक गया है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी अधिकारियों को रिश्वत देने से रोकता है। इसके साथ ही ट्रंप प्रशासन ने दावा किया कि इस प्रतिबंध से अमेरिकी कंपनियों को नुकसान होता है। ट्रंप के इस फैसले के बाद अदाणी ग्रुप के शेयरों में मंगलवार को मजबूती देखने को मिली।
व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि 1977 में लागू होने के बाद से फॉरेन कप्शन एक्ट (एफसीपीए) में व्यवस्थित रूप से मापदंड बढ़ाया जाता रहा है और अब यह उचित सीमा से परे बढ़ाया गया है और इस तरह से दुरुपयोग किया गया है जो अमेरिका के हितों को नुकसान पहुंचाता है।बयान में आगे कहा गया कि वर्तमान एफसीपीए कानून अमेरिका की विदेश नीति के उद्देश्यों में बाधा डालता है और इसलिए विदेशी मामलों पर राष्ट्रपति के अनुच्छेद II के अधिकार को प्रभावित करता है।एफसीपीए अमेरिकी संबंधों वाली किसी भी कंपनी या व्यक्ति को विदेशों में व्यापार सुरक्षित करने के लिए विदेशी अधिकारियों को धन या उपहार देने से रोकता है। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान इस कानून को खत्म करने पर विचार किया था।