संभाग स्तरीय आयुर्वेद महोत्सव एवं आरोग्य मेले 5302 रोगियों को दिया परामर्श

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बारां। शहर के कोटा रोड स्थित खेल संकुल में आयोजित हो रहे संभाग स्तरीय आरोग्य मेले में शनिवार को दूसरे दिन 2492 सहित अब तक कुल 5302 रोगियों को परामर्श दिया जा चुका है। मेले में आयोजित याख्यान श्रृंखला कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बारां नागरिक सहकारी बैंक के चेयरमैन हरगोविंद जैन थे। उन्होंने कहा कि इस तरह के मेले आयुर्वेद के प्रचार-प्रचार में सहायक होते हैं। आमजन को इसका लाभ उठाना चाहिए। आयुर्वेद की अग्निकर्म पद्धति द्वारा लोगों को पुरानी कमर व घुटनों के दर्द से हमेशा के लिए आराम मिल जाता है। विशिष्ट अतिथि एएसपी राजेश चौधरी, डीएसपी ओमेंद्र सिंह शेखावत व नोडल अधिकारी अतिरिक्त निदेशक कोटा संभाग डॉ. मोहनलाल वर्मा थे। उन्होंने कहा कि मेले में जिला प्रशासन की ओर से राजस्थान सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर उपलब्धियों की प्रचार-सामग्री के किट भी आमजन को वितरित करवाए जा रहे हैं। आरोग्य मेला 10 फरवरी तक आयोजित होगा। इसमें प्रतिदिन परामर्श, चिकित्सा के साथ-साथ दिन में व्याखान व रात्रि को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व रसायन शाला प्रभारी डॉ. राधेश्याम गर्ग ने क्षेत्रीय वनों में पाए जाने वाली औषधियों व उनके होने वाले फायदों के बारे में जानकारी दी।
मीडिया प्रभारी डॉ. हरिशंकर मीणा व डॉ. कमलेश कंवरिया ने बताया कि साथ ही डॉ. हेमराज मीणा व कोटा से आए डॉ. निरंजन गौतम ने मधुमेह रोग पर व्याख्यान दिया। संचालन डॉ. चंद्रभान श्रीवास्तव व डॉ. देवकरण शर्मा ने किया। इससे पूर्व अतिथियों का उपनिदेशक डॉ. विरेंद्र सोहाया व अन्य प्रभारियों ने स्वागत किया।
इलेक्ट्रिक कॉट्री मशीन से पुराने मस्से हटाए-
मेले में लगी क्षारसूत्र शल्य चिकित्सा स्टाल में डॉ. हरिशंकर मीणा व डॉ. कुशल गौतम ने इलेक्ट्रिक कॉट्री मशीन की सहायता से मरीजों की चमड़ी पर लटके हुए वर्षां पुराने मस्सों को हटाया। इसमें डॉ. पवन मेघवाल व डॉ. मिथलेश जैन ने जलोका अर्थात जौंक थैरेपी द्वारा पुराने एक्जिमा व सौरायसिस के रोगियों को परामर्श दिया। वहीं डॉ. अभिनव गौड, डॉ. कुलदीप मीणा, डॉ. राजेंद्र मीणा व डॉ. हेमराज मीणा द्वारा अग्निकर्म विधि से रोगियों को घुटनों व कमर के पुराने दर्द से आराम दिलाया। पंचकर्म विभाग में डॉ. गिरधर गोपाल मालव व डॉ. हेमराज मीणा ने अभ्यंग स्वेदन व कटिबस्ति व ग्रीवाबस्ति द्वारा रोगियों की चिकित्सा की। जिसमें कंपाउंडर गोविंद महावर, रविदत्त, शिवनारायण, राजकुमार, महिला चिकित्सक डॉ. निशा मीणा, डॉ. भारती नागर, डॉ. रितु चंदेल, डॉ. छाया त्यागी, डॉ. मीनाक्षी मीणा, डॉ. कीर्ति सिंह, डॉ. प्रवीण जैन, डॉ. प्रदीप शर्मा आदि ने विभिन्न विभागों में सेवाएं दी। वहीं डॉ. पीयूष नागर, डॉ. बृजराज मीणा, डॉ. नीरज यादव ने वनौषधि प्रदर्शनी में लोगों को जानकारी दी।
विभिन्न स्टालों में रोगी ले रहे चिकित्सा एवं परामर्श-
मेले में सभी स्टालों पर लोग चिकित्सा परामर्श ले रहे हैं। इनमें प्रमुख रूप से पंचकर्म, अग्निकर्म, क्षारसूत्र व शल्य, जरावस्था व स्वर्णप्रॉशन आदि शामिल है। स्वर्णप्रॉशन केंद्र पर डॉ. राजकुमार गोयल ने बच्चों को ड्रॉप पिलाई। मेले में होम्योपैथी के नॉडल अधिकारी डॉ. सुरेश वर्मा ने इस चिकित्सा पद्धति से होने वाले लाभ व आमजन में इसके प्रति प्रचलित भ्रांतियों को दूर करने के लिए व्याख्यान दिया। इनके द्वारा अब तक 604 रोगियों को परामर्श दिया जा चुका है। इसी प्रकार यूनानी चिकित्सा पद्धति के नोडल अधिकारी डॉ. नासिर हुसैन अंसारी ने बताया कि लगभग 300 रोगियों को परामर्श व कपिंग थैरेपी दी गई।
कोयला में लगेगा निशुल्क 10 दिवसीय शल्य चिकित्सा शिविर-
मेला प्रभारी डॉ. जितेंद्र सिंह हाड़ा ने बताया कि 14 फरवरी से 23 फरवरी तक ग्राम कोयला में 10 दिवसीय निशुल्क शल्य चिकित्सा शिविर आयोजित किया जाएगा। जिसमें पाईल्स, फिशर, फिस्टूला आदि की चिकित्सा की जाएगी। शिविर में रोगियों के रहने व खाने की सुविधा निशुल्क रहेगी।

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