भारत और यूक्रेन के एनएसए के बीच फोन पर बात हुई है। ये जानकारी खुद यूक्रेन की तरफ से दी गई है। यूक्रेन की तरफ से बताया गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी के सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोभाल से बात हुई है। इस बातचीत में यूक्रेन और भारत के रिश्तों को लेकर चर्चा हुई है। इसके साथ ही यूक्रेन के मौजूदा हालात पर चर्चा हुई है। इसके अलावा यूएस प्रेसिडेंशियल एडमिनिस्ट्रेशन में बदलाव के मद्देनजर साझा तौर पर किस तरह के कदम उठाए जाने चाहिए। इसको लेकर भारत के साथ यूक्रेनी एनएसए ने चर्चा की है। जाहिर तौर पर ये बातचीत ऐसे वक्त में अहम हो जाती है, जब बार बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ये बात कहते हैं कि वो रूस और यूक्रेन का युद्ध रुकवा देंगे।
खासतौर से तब जब अमेरिका और रूस दोनों ही अपने राष्ट्रपतियों के बीच बातचीत की तैयारी में लगे हुए हैं। जिसकी पृष्णभूमिक पर लगातार काम जारी है। ताकी दोनों देशों के बीच कोई सफल बातचीत का आयोजन करवाया जा सके। ऐसे में इस बातचीत के पीछे की कहानी क्या है ये तो कहना बड़ा मुश्किल है।एक बात साफ है कि भारत इस युद्ध में एक बड़ी भूमिका के रूप में उभरा था। रूस से लेकर यूक्रेन तक भारत की भूमिका को बहुत अहम मानते आए हैं। एक तरफ बातचीत की तैयारी हो रही है। दूसरी तरफ रूस की सेना यूक्रेन में लगातार तेजी से हमले कर रही है।
रूस ने दावा किया कि उसने पूर्वी यूक्रेन के दोनेत्स्क क्षेत्र में एक और गांव पर कब्जा कर लिया है तथा लगभग तीन साल के युद्ध के बाद वह महत्वपूर्ण यूक्रेनी साजो-सामान केंद्र पोक्रोव्स्क के और नजदीक पहुंच गया है। हालांकि, रूस के दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है कि उसकी सेना ने नोवोवासिलिव्का पर कब्ज़ा कर लिया है। रूसी सेना महीनों से पोक्रोव्स्क और पास के चासिव यार जैसे प्रमुख दोनेत्स्क गढ़ों पर कब्जा करने की कोशिश कर रही हैं, खेत और जंगलों में अपना रास्ता बना रही हैं तथा छोटी ग्रामीण बस्तियों को अपने कब्जे में ले रही हैं।