मुखबिर योजना के तहत तीन लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दे रही राज्य सरकार

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बालोतरा। राज्य में पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मुखबिर योजना संचालित की जा रही है। जिसके अंतर्गत भ्रूण लिंग परीक्षण में शामिल लोगों के बारे में जानकारी देने वालों को राज्य सरकार द्वारा तीन लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। साथ ही इस योजना में सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाती है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी वांकाराम चौधरी ने बताया कि गर्भस्थ शिशु का लिंग परीक्षण करवाना कानूनी अपराध है। इसे रोकने के लिए राज्य सरकार के द्वारा मुखबिर योजना संचालित की जा रही है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में लिंगानुपात को बढ़ाने एवं भ्रूण लिंग परीक्षण में लिप्त चिकित्सकों एवं अन्य लोगों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए मुखबिर योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत राज्य सरकार मुखबिर एवं उसके साथियों को तीन लाख रूपये की प्रोत्साहन राशि दे रही है। इस योजना के माध्यम से आमजन सरकार की इस योजना में योगदान करके ना सिर्फ सरकार की बल्कि समाज के लिए भी काफी सराहनीय कार्य कर सकते हैं।
उन्होने बताया कि गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम-1994 के तहत गर्भस्थ शिशु का लिंग परीक्षण एवं चयन करना अथवा करवाना, इसके लिए सहयोग देना व विज्ञापन करना कानूनी अपराध है। इस कृत्य में लिप्त अपराधियों को 3 से 5 वर्ष तक का कारावास एवं 10 हजार से 1 लाख रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने आमजन से अपील कर कहा कि आपके क्षेत्र में कोई व्यक्ति इस कार्य में लिप्त है, तो टोल फ्री नं. 104 अथवा 108 के साथ वाट्सएप नं. 9799997795 पर शिकायत दर्ज करवा सकते है। मुखबिर की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

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