अदालत ने 2008 में चक्का जाम करने के मामले में सजा के खिलाफ आजम खान की अपील खारिज की

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मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) । मुरादाबाद जिले की सांसद-विधायक अदालत ने समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान की अपील ख़ारिज कर दी है। छजलैट में यातायात अवरुद्ध करने के मामले में निचली अदालत द्वारा सुनाई गयी सजा के ख़िलाफ़ यह अपील दायर की गयी थी। एक अधिवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पूर्व मंत्री आज़म खान वर्ष 2008 में छजलैट पुलिस थाना क्षेत्र में चक्का जाम करने के मामले में विशेष सांसद-विधायक अदालत द्वारा सुनाई गयी दो साल की सजा के बाद सीतापुर जेल में बंद हैं।

अदालत ने इसी मामले में उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को भी दो साल की सज़ा और तीन हज़ार रुपये जुर्माने से दंडित किया था। अदालत ने बृहस्पतिवार को मुरादाबाद की निचली अदालत द्वारा पहले लगाई गई दो साल की कैद और तीन हज़ार जुर्माने को बरकरार रखा। यह मामला 2008 की एक घटना से जुड़ा है, जब आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम पर छजलैट पुलिस थाने के बाहर सड़क जाम करने का आरोप लगाया गया था।

विशेष लोक अभियोजक मोहन लाल विश्नोई ने अदालत के फैसले की पुष्टि करते हुए कहा, एमपी-एमएलए (एडीजे 5) कोर्ट ने आजम खान की अपील को खारिज कर दिया। इसमें सजा और आदेश दोनों को बरकरार रखा गया है। निचली अदालत ने 13 फरवरी 2023 को यह फैसला दिया था। इस मामले में अब्दुल्ला आजम की अपील अन्य अदालतों में विचाराधीन है। विश्नोई ने कहा कि अब्दुल्ला के मामले की सुनवाई उच्चतम न्यायालय में भी हो रही है। इस मामले में सांसद-विधायक अदालत ने आजम खान और अब्दुल्ला आजम को दोषी ठहराया था और उन्होंने फैसले को चुनौती देते हुए अलग-अलग अपील दायर की थी।

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