सियोल । दक्षिण कोरिया की भ्रष्टाचार-निरोधक एजेंसी ने कहा है कि उसे महाभियोग के जरिये अपनी शक्ति खो चुके राष्ट्रपति यून सुक येओल को हिरासत में लेने के लिए न्यायालय से नया वारंट मिल गया है। ‘राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा’ ने पिछले सप्ताह यून को हिरासत में लेने के एजेंसी के प्रयास पर पानी फेर दिया था। उच्च पदस्थ अधिकारियों से संबंधित भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ) ने मंगलवार को तुरंत इस बात की पुष्टि नहीं की कि वारंट कितने समय तक वैध रहेगा। सीआईओ ने राष्ट्रपति के तीन दिसंबर के अल्पकालिक मार्शल लॉ का आदेश जारी करने जैसे बगावत के आरोपों को लेकर यून से पूछताछ की योजना बनाई है
सांसदों के यह पूछने पर कि वारंट की अवधि कब समाप्त होगी, एजेंसी के मुख्य अभियोजक ओह डोंग-वून ने उत्तर देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी संवेदनशील होती है, क्योंकि एजेंसी और पुलिस संबंधित वारंट पर अमल करने के तरीकों पर विचार कर रही है। हिरासत वारंट आमतौर पर सात दिनों की होती है लेकिन इसे 10 दिनों के लिए बढ़ाया जा सकता है। सियोल पश्चिमी जिला अदालत ने पिछले सप्ताह के शुरू में यून को हिरासत में लेने के लिए वारंट जारी किया था और उनके आवास की तलाशी के लिए एक अलग वारंट जारी किया था, क्योंकि उन्होंने तीन दिसंबर के ‘मार्शल लॉ’ आदेश पर पूछताछ के लिए उपस्थित होने से इनकार करके अधिकारियों के आदेश की अवहेलना की थी।
भ्रष्टाचार-निरोधक एजेंसी के लगभग 150 जांचकर्ताओं और सहायक पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को यून को हिरासत में लेने का प्रयास किया, लेकिन ‘राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा’ के साथ पांच घंटे से अधिक समय तक चले तनावपूर्ण गतिरोध के बाद वे सियोल में उनके निवास से वापस चले गए। जांचकर्ताओं ने सोमवार को पिछले वारंट की अवधि समाप्त होने से पहले यून को हिरासत में लेने का कोई और प्रयास नहीं किया। भ्रष्टाचार-निरोधक एजेंसी और पुलिस ने यून को हिरासत में लेने के लिए और अधिक बलपूर्वक प्रयास करने का संकल्प लिया है। हालांकि यह तब तक एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है जब तक वह (यून) अपने आधिकारिक निवास में रहते हैं।