कोटा। जिले में धातु निर्मित मांझा 31 जनवरी तक प्रतिबंधित करने आदेश जारी किए गए हैं। जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ. रविन्द्र गोस्वामी द्वारा जारी आदेशों में जिले में धारा 163 के अन्तर्गत लोक स्वास्थ्य व विद्युत संचालन बाधा रहित बनाए रखने एवं पक्षियों के लिए खतरा बन चुके धातु निर्मित मांझा (पतंग उड़ाने के लिए पक्का धागा, नायलोन, प्लास्टिक मांझा जो सिंथेटिक, टॉक्सिक मेटेरियल जो आयरन पाउडर, ग्लास पाउडर का बना हो) की थोक एवं खुदरा बिक्री तथा उपयोग को जिले की राजस्व सीमा में 31 जनवरी तक प्रतिबंधित कर दिया गया है।
पतंग उड़ाने के लिए कांच, धातु मिश्रित चाईनीज मांझे, सिंथेटिक मिश्रण से निर्मित मांझे आदि के उपयोग, भण्डारण, विक्रय, परिवहन करते हुए पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, पक्षियों को नुकसान से बचाने के लिए प्रातः 6 से 8 बजे तथा सायं 5 से 7 बजे तक पतंग उड़ाने पर प्रतिबन्ध रहेगा। उक्त आदेशों की अवहेलना करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि कांच, धातु मिश्रित चाईनीज मांझा, सिंथेटिक मिश्रण से निर्मित मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण से निर्मित होने से धारदार तथा विद्युत का सुचालक भी होता है। जिसके उपयोग के दोैरान दुपहिया वाहन चालक तथा पक्षियों को अत्यधिक जानमाल का नुकसान होने की आशंका रहती है। विद्युत तारों के सम्पर्क में आने पर पतंग उड़ाने वालों को नुकसान पहुंचने तथा विद्युत सप्लाई में बाधा उत्पन्न होने की आशंका बनी रहती है।
जिले में धातु निर्मित मांझे पर 31 जनवरी तक प्रतिबंध
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