जयपुर। राजस्थान में चल रहे राइजिंग राजस्थान में निवेश करने वाले लोगों और प्रवासी राजस्थानियों के लिए सरकार एक नई पहल करने जा रही है। इन लोगों को किसी भी तरह की परेशानी होने पर राजस्थान न आना पड़े इसके लिए हर राज्य में राजस्थान सरकार प्रवासी केन्द्र खोलने की तैयारी कर रही है। ये केन्द्र एक तरह से एंबेसी के तौर पर काम करेंगे। यहां प्रवासी राजस्थानी अपनी सरकार से संबंधित कोई भी समस्या यहां दर्ज करवा सकते है। उसका निस्तारण करवा सकते हैं।
राज्य सरकार के एक साल पूरे होने पर जिलेवार हो रहे कार्यक्रम के दौरान जयपुर में प्रभारी मंत्री जोगाराम पटेल ने इस बारे में जानकारी दी। मंत्री ने बताया- सरकार पिछले दिनों बड़े स्तर पर राइजिंग राजस्थान समिट आयोजित किया है। इसमें 35 लाख करोड़ के एमओयू हुए हैं। इन एमओयू को धरातल पर लाने का काम अब तेजी से किया जाएगा।
हमारी सरकार ने इन एमओयू को करने वाले व्यापारियों और खासकर प्रवासी राजस्थानियों के लिए विशेष कदम उठाने का निर्णय किया है। इसके तहत दूसरे राज्यों में रहने वाले प्रवासी राजस्थानियों को अब सरकार से संबंधित किसी भी काम के लिए राजस्थान न आना पड़े इसके लिए हम हर राज्य में प्रवासी केन्द्र खोलने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि इस पर अभी उच्च स्तर पर चर्चा हो रही है। संभावना है कि जल्द ही इस पर कोई फैसला आ सकता है।
एंबेसी की तर्ज पर होगा काम
जोगाराम पटेल ने बताया- अगर सरकार इन केन्द्रों को खोलती है तो इस पर काम एक एम्बेंसी की तर्ज पर होगा। इसमें उस राज्य में रहने वाला प्रवासी राजस्थानी सरकार से जुड़ी योजनाओं और स्कीम के बारे में जानकारी ले सकता है। इसके साथ ही अगर वह कोई निवेश करने का इच्छुक होगा तो वह उस केन्द्र के जरिए अपनी बात सरकार तक पहुंचा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने अलग से विभाग बनाने के लिए कहा
इससे पहले स्वयं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रवासियों के लिए अलग से एक विभाग शुरू करने की भी बात कही थी। ताकि इन विभाग के जरिए इन एमओयू को करने वाले प्रवासी राजस्थानियों और दूसरे व्यापारियों की सभी परेशानियों और कामों को एक ही जगह करवा दिया जाए।