मोदी सरकार की पारदर्शी नीतियों के चलते देश में 5 साल में सीएसआर फंड में करीबन 50 फीसदी बढ़ोतरीः- मदन राठौड़

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जयपुर। राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में निजी क्षेत्र में कार्य कर रही कंपनियों ने कारपोरेट सामाजिक उत्तर दायित्व (सीएसआर) का निर्वहन करते हुए पिछले 5 साल में 3800 करोड़ रूपए से अधिक की धन राशि सामाजिक कार्यों में खर्च की है। इतना ही नहीं, निजी कंपनियों का द्वारा साल दर साल कारपोरेट सामाजिक दायित्व में खर्च की जा रही राशि में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 5 साल पहले जहां राजस्थान में सीएसआर फंड के तहत 2018-19 में 595.49 करोड़ रूपए खर्च किए गए, वहीं 2022-23 में यह राशि 1102.16 करोड़ हो गई। राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ द्वारा सीएसआर नीति के संबंध में लगाए गए सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त एवं कारपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी।

राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में निजी सेक्टर में निवेशक लगातार निवेश कर रहे है और मोदी सरकार की पारदर्शी नीतियों के चलते निजी कंपनियों को सालाना मुनाफा भी लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में कंपनियों द्वारा सीएसआर समिति का गठन कर सामाजिक कार्यों में भी खर्च कर रही है। देश में इंटरनेट बैंकिंग और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बढ़ने से निजी सेक्टर की कंपनियों द्वारा सभी डेटा ऑनलाइन किया जा रहा है। मोदी सरकार की नीतियों के चलते 5 साल में सीएसआर फंड राजस्थान में दोगुने से भी अधिक हो गया, वहीं देश में करीबन 50 फीसदी बढ़ोतरी देखने को मिली है।

राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि सामाजिक दायित्वों की पालना करते हुए कारपोरेट कंपनियों ने देश में पिछले 5 साल में करीबन 1 लाख 30 हजार करोड़ से अधिक की धन राशि सामाजिक कार्यों में लगाई है। देश में 2018-19 में 20217.65 करोड़ रूपए खर्च किए गए, वहीं अगले चार साल तक इसमें लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई और 2022-23 में यह राशि 29987.92 करोड करोड़ हो गई। उन्होंने बताया कि सीएसआर नीति के तहत देश की ऐसी कंपनियां जिसका शुद्ध मुनाफा सालाना 5 करोड़ से अधिक हो, 1 हजार करोड़ रूपए या इससे अधिक का कारोबार हो या फिर 500 करोड़ रूपए या अधिक की निवल संपत्ति हो ऐसे कंपनियों द्वारा सामाजिक उत्तर दायित्वों को निर्वहन करते हुए शुद्ध लाभ का कम से कम 2 प्रतिशत धनराशि कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर ) के तहत खर्च करनी होगी।

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