सस्टेनेबल माइनिंग सेफगार्ड फ्यूचर सत्र आयोजित— देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाने में खनन क्षेत्र की अहम भूमिका

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केन्द्रीय खान एवं कोयला मंत्री राजस्थान में खनन क्षेत्र में अपार संभावनाएं पेट्रोलियम उद्योग में भी राज्य देश का प्रमुख केंद्र बनकर उभरा -मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
जयपुर। केन्द्रीय खान एवं कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाने में खनन क्षेत्र की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में निजी क्षेत्र को भी भागीदार बनाना चाहती है इसलिए सरकार ने मिनरल सेक्टर में रिफोर्म्स करते हुए पारदर्शिता व सस्टेनेबल खनन पर जोर दिया है। रेड्डी सोमवार को राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में खनन क्षेत्र पर आयोजित सस्टेनेबल माइनिंग सेफगार्ड फ्यूचर सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में खनिज खोज कार्य में निजी क्षेत्र की भी भागीदारी तय होने से क्रिटिकल मिनरल्स के खोज व खनन में तेजी आएगी और विदेशों पर निर्भरता कम की जा सकेगी।

रेड्डी ने कहा कि रोजगार के नये अवसर विकसित करने तथा देश की इकोनॉमी में खनन क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सरकार के साथ ही उद्यमियों को भी लक्ष्य लेकर आगे बढ़ना होगा। रेड्डी ने कहा राजस्थान खनिज के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य है यहां पोटाश जिप्सम तांबा सिल्वर जैसे खनिजों का प्रचुर भंडार है। उन्होंने खनन क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा नई नीतियां लाने के कदम की सराहना करते हुए कहा कि इससे राज्य में इस क्षेत्र का तेजी से विकास होगा।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान में खनन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्रफल के मामले में देश का सबसे बड़ा राज्य होने के साथ ही राजस्थान खनिज उत्पादन में भी अग्रणी है। यहां 82 तरह के खनिजों के भंडार हैं, जिनमें से 58 खनिजों का व्यावसायिक स्तर पर खनन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की मिट्टी सोना, लौह अयस्क, कच्चा तेल और प्राकृतिक स्टोन जैसे अनमोल खनिजों से भरी हुई है।

उन्होंने कहा कि खनन के क्षेत्र में राज्य कई प्रदेशों से आगे है और हमने राजस्थान में खनन क्षेत्र के विकास के लिए नये लक्ष्य निर्धारित किए हैं। शर्मा ने कहा कि हमारा खनन क्षेत्र वर्तमान में करीब 35 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान कर रहा है। हमारा लक्ष्य है कि 2047 तक इस क्षेत्र में एक करोड़ लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हों।प्रदेश में खनन एवं पेट्रोलियम सेक्टर में विभिन्न निवेशकों द्वारा 1 लाख 72 हजार करोड़ रुपये के एमओयू किए गए हैं। ये हमारे खनन क्षेत्र में विशाल संभावनाओं का संकेत देते हैं।उन्होंने कहा कि राजस्थान पेट्रोलियम उद्योग में भी देश का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है। यहां भारत के सबसे बड़े ऑनशोर कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार हैं। राज्य में देश के कुल उत्पादन का लगभग 15 प्रतिशत क्रूड ऑयल और प्रतिदिन 3.3 मिलियन घनमीटर प्राकृतिक गैस का उत्पादन हो रहा है।

देश दुनिया की इमारतों में लगा है राजस्थान का पत्थर—
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के मार्बल, ग्रेनाइट और अन्य भवन निर्माण सामग्री की पूरी दुनिया में मांग है। नए संसद भवन और राम मंदिर जैसी ऐतिहासिक इमारतों में हमारे यहां के पत्थरों का उपयोग होना हमारे लिए गौरव की बात है।

खनन क्षेत्र के विकास के लिए जारी की नई नीतियां—
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने खनन क्षेत्र में पारदर्शिता, नीतिगत सुधार और बुनियादी ढांचे में विकास के लिए राजस्थान खनिज नीति 2024 जारी की है, जो खनन क्षेत्र के तेजी से विकास के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि इस नीति के माध्यम से हम जीडीपी में खनन क्षेत्र की हिस्सेदारी को 3.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 2029-30 तक 5 प्रतिशत तक करना चाहते हैं। शर्मा ने कहा कि इसके साथ ही नई एम-सैंड पॉलिसी भी जारी की गई है जो पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ ही गुणवत्तापूर्ण भवन निर्माण सामग्री का एक विकल्प भी प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि इस नीति में एम-सैंड इकाई की स्थापना की पात्रता में रियायत देते हुए 3 साल के अनुभव, 3 करोड़ रुपए की नेटवर्थ व 3 करोड़ रुपए के टर्नओवर की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। एम-सैंड को बढ़ावा देने के लिए इन इकाइयों को राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना, 2024 के परिलाभ भी देने का प्रावधान किया गया है।

राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में सहयोगी बने खनन उद्यमी—
शर्मा ने निवेशकों और खनन क्षेत्र से जुड़े उद्योगपतियों से राजस्थान को खनन के क्षेत्र में विश्व का एक प्रमुख केंद्र बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने खनन क्षेत्र में पिछले 11 महीनों में ही 48 मेजर मिनरल माइनिंग ब्लॉक्स का सफल ऑक्शन किया है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में निवेश से आर्थिक लाभ के साथ-साथ राज्य की औद्योगिक और सामाजिक प्रगति में भी भागीदार बनने का अवसर मिलेगा। शर्मा ने राज्य में खनन कार्य में लगे उद्यमियों से आग्रह किया कि वे इस क्षेत्र में अपनी सफलता और लाभ के बारे में दुनिया को बताएं ताकि देश दुनिया के और निवेशक भी यहां निवेश के लिए आकर्षित हो।

जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि राज्य सरकार की अनुकूल नीतियों से प्रदेश में खनन क्षेत्र का तेजी से विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम विकास और पर्यावरण संरक्षण का संतुलन बनाते हुए कार्य कर रहे हैं।इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव खान एवं पेट्रोलियम टी. रविकांत ने पीपीटी के माध्यम से खनन एवं पेट्रोलियम क्षेत्र में राज्य सरकार की उपलब्धियों, नीतियों एवं योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम में हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा सहित बड़ी संख्या में खनन एवं पेट्रोलियम क्षेत्र से जुड़े निवेशक तथा उद्यमी उपस्थित रहे।

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