बाबरी विध्वंस मुद्दे पर महाराष्ट्र में ‘इंडिया’ में फूट, महाविकास अघाड़ी से अलग हुई समाजवादी पार्टी

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मुंबई। समाजवादी पार्टी (सपा) ने शनिवार को महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का साथ छोड़ने का ऐलान किया। सपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आजमी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “समाजवादी पार्टी को महाराष्ट्र में अकेले चलना गवारा है, लेकिन महा विकास अघाड़ी में रहते हुए शिवसेना यूबीटी की सांप्रदायिक विचारधारा का हिस्सा बनना हरगिज गवारा नहीं।” मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि चुनावों या सीट बंटवारे की प्रक्रिया के दौरान एमवीए में बिल्कुल भी समन्वय नहीं था। उन्होंने हमें कभी बैठकों या संयुक्त रैलियों के लिए नहीं बुलाया। वे एक-दूसरे के मंचों को साझा करने से बचते थे और इसका नतीजा यह हुआ कि विधानसभा चुनावों में एमवीए की भारी हार हुई।

शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए उन्होंने दावा किया कि पार्टी की आंतरिक बैठक में ठाकरे ने कथित तौर पर अपने नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को राज्य में आगामी निकाय चुनावों से पहले एक बार फिर हिंदुत्व के एजेंडे को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। अबू आजमी ने कहा, “कल 6 दिसंबर को शिवसेना (यूबीटी) के एक नेता ने सोशल मीडिया पर एक संदेश पोस्ट किया, जिसमें बाबरी मस्जिद विध्वंस (1993) के लिए पार्टी को श्रेय देने का दावा किया गया। हम इसे कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं। सपा धर्मनिरपेक्ष मूल्यों, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के पक्ष में है और इसलिए वह सांप्रदायिक दृष्टिकोण अपनाने वाली किसी भी पार्टी का साथ नहीं देगी।”

आजमी ने सख्त लहजे में कहा, “उन्हें यह समझना चाहिए कि इस तरह की पोस्ट से भावनाएं आहत होती हैं और ये एकता, धर्मनिरपेक्षता और सभी समुदायों के सम्मान के खिलाफ हैं। हम यहां सभी वर्गों के बीच सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए हैं, लोगों को विभाजित करने के लिए नहीं।” दरअसल, शिवसेना (यूबीटी) के एमएलसी मिलिंद नार्वेकर ने एक्स पर एक पोस्ट कर 32 साल पहले बाबरी मस्जिद विध्वंस की सराहना की थी, जिसमें शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे, उद्धव ठाकरे (एमएलसी) और आदित्य ठाकरे की तस्वीरें शामिल थीं।

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