विधिक सेवा सप्ताह का शुभारंभ, मुफ्त कानूनी सेवा पर जागरूकता कार्यशाला आयोजित

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कोटा। राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के उपलक्ष्य में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोटा की सचिव गीता चौधरी के आदेशानुसार साप्ताहिक जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ शनिवार को अनंतपुरा स्थित ओम कोठारी इंस्टिट्यूट के सेमिनार हॉल में आयोजित किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोटा के चीफ़ डिफेंस काउंसलर भुवनेश कुमार शर्मा ने बताया की कार्यक्रम में छात्र-छात्राएं और समाजसेवी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बाल कल्याण समिति के पीठ न्यायाधीश राजेंद्र राठौड़, स्थाई लोक अदालत की सदस्या कुसुम विजयवर्गीय, कोशिश एनजीओ के संचालक पंकज शर्मा, अखिल भारतीय कौशिक गायत्री परिवार बोरखेड़ा के संचालक वरिष्ठ समाजसेवी यज्ञदत्त हाड़ा, ओम कोठारी इंस्टिट्यूट ऑफ मेनेजमेंट एण्ड रिसर्च के डायरेक्टर डॉ अमित सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम में लोक-सेवक, शिक्षाविद्, समाजसेवी, मीडिया, अधिवक्ता सहित गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। कार्यक्रम में छात्र छात्राओं को विधिक साक्षरता से जुड़ी कानूनी जानकारियां दी गई। प्रतियोगिता व प्रश्नोत्तरी भी रखी गई। कार्यक्रम का संचालन यज्ञदत्त हाड़ा ने किया। कार्यक्रम में प्राचार्य स्नेहलता व एनएसएस की समन्वयक डॉ शांता चौहान, एडवोकेट रवि विजय, एडवोकेट जया सिंह, चाइल्डलाइन के पूर्व समन्वयक एडवोकेट अमरलाल आदि उपस्थित रहे।
-मुफ्त कानूनी सहायता और समर्थन प्रदान करना दायित्व :
भुवनेश शर्मा ने कहा इस दिवस का उद्देश्य गरीब, वंचित नागरिकों को मुफ्त कानूनी सहायता और समर्थन प्रदान करना है। पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत लाभ दिया जा रहा है। इस सप्ताह में अनेक आयोजन किए जाएंगे जिसमें रैली, यात्रा, जनचेतना शिविर शामिल है। विधिक सेवाओं की जनजागृति लाना ही हमारा मूल संकल्प है विधिक सेवा प्राधिकरण श्रमिक, बच्चे, महिला, पुरुष, बुजुर्ग सभी के लिए उपलब्ध है कोई किसी भी प्रकार के वाद विवाद में फंसे हैं तो निशुल्क सहायता प्राप्त कर सकते हैं। लोक अदालत के माध्यम से भी मामलों का निपटारा किया जा रहा हैं। इस मौके पर आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए ओम कोठारी इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर डॉ अमित सिंह ने कहा कि कानून की सरलता के लिए विधिक सेवा दिवस का खास महत्व है इसके माध्यम से आमजन, जेल के बंदी, साइबर अपराध, मुफ्त कानूनी सहायता भी उपलब्ध करवाई जाती है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि बाल संरक्षण के क्षेत्र में विधिक अधिकारों की संपूर्ण जानकारी होना आवश्यक है क्योंकि समय पर न्यायिक सहायता न मिलने के नुकसान बहुत ज्यादा देखे जा रहे हैं ऐसे में विधिक साक्षरता खास करके बच्चों को समझानी चाहिए। राष्ट्रीय लोक अदालत और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के बहुत बड़े कानूनी फायदे हैं जो बड़ी-बड़ी अदालत में नहीं होता वह लोक अदालतों में होता है। कुसुम विजय ने कहा कि स्थाई लोक अदालतों के माध्यम से वक्त वक्त पर कानूनी मसलों को सुलझाने के कार्य हो रहे है। आमजन को अपने अधिकारों के लिए जागरूक रहना चाहिए। पंकज शर्मा ने उपभोक्ता अधिकारों की जानकारी देते हुए बताया की जीएसटी धोखाधड़ी से बचने के लिए ओटीपी या एसएमएस व आधार कार्ड सामाजिक गतिविधियों में सजगता की बात कही। डिजिटल लेनदेन की सावधानियां बताई। जिला स्तरीय इस आयोजन में विभिन्न संस्थाओं का सहयोग रहा जिसमें मुख्यत सुमित्रा देवी मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट कोटा, चाइल्डलाइन, राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाइड, ओम कोठारी इंस्टिट्यूट शामिल रहे। सभी ने अपना संबोधन भी दिया। कार्यक्रम में विधिक साक्षरता अभियान और इसकी नियमित जागरूकता के साथ-साथ कानून का सम्मान विषय पर सामाजिक संकल्प लिया और शपथ करवाई। सामाजिक कार्यकर्ताओं को विधिक साक्षरता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले और स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम के समापन में प्रश्नोत्तरी के विजेताओं को सम्मानित किया गया। अतिथियों का स्वागत आभार किया और राष्ट्रीय गान के साथ यज्ञदत्त हाड़ा ने धन्यवाद दिया।

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