झालावाड़। पेन्टेड बग कीट का प्रकोप सरसों फसल के अंकुरण के तुरन्त बाद होता है। फसल के 7 से 10 दिन की अवस्था में यह कीट पत्तियों का रस चूसकर फसल को पूरी तरह नष्ट कर देता है।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कैलाश चन्द मीणा ने बताया कि आरा मक्खी कीट का प्रकोप सरसों फसल के अंकुरण के 7 से 10 दिन में प्रारम्भ होकर 25 से 30 दिन में वृहद स्तर तक पहुंच कर अधिक नुकसान पहुंचाता है। इस कीट की सूण्डी ही फसल को नुकसान पहुंचाती है तथा पौधे को पत्ती रहित कर देती है एवं केवल डण्ठल छोड़ती है। इसलिए फसल की प्रारंभिक अवस्था में निगरानी आवश्यक होती है।
इनके नियंत्रण के लिए करें यह उपाय
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक ने बताया कि बुवाई से पूर्व फसल के अवशेषों व खरपतवारों को नष्ट करें, खण्डीय पैकेज ऑफ प्रैक्टिसेज की सिफारिश अनुसार बीजोपचार कर बुवाई करें, फसल की उपयुक्त समय पर बुवाई करें, मेड़ों को साफ कर खरपतवार रहित रखें, आरा मक्खी के कीटों को प्रातः काल में एकत्रित कर नष्ट करें, पेन्टेड बग व आरा मक्खी कीट का प्रकोप आर्थिक क्षति स्तर से अधिक होने पर रोकथाम हेतु पैकेज ऑफ प्रैक्टिस अनुसार कीटनाशी रसायन का सुबह या शाम के समय छिड़काव करें।
उन्होंने बताया कि पेन्टेड बग व आरा मक्खी कीट का प्रकोप दिखने पर राज्य सरकार के निर्देशानुसार कीट का प्रकोप आर्थिक क्षति स्तर से अधिक होने पर फसलों को उपचारित करने हेतु कृषकों को कीटनाशी रसायन पर अनुदान उपलब्ध कराये जाने के लिए मांग हेतु कीट-व्याधि की सर्वेक्षण व रेपिड रोविंग सर्वे रिपोर्ट (प्रपत्र-5) पूर्ण कर अविलम्ब संयुक्त निदेशक कृषि विभाग में भिजवाये, ताकि प्रभावित क्षेत्र में कीट नियंत्रण हेतु कीटनाशी रसायन हेतु अनुदान उपलब्ध कराने के लिए भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों का आवंटन किया जा सके। साथ ही कीट पर समय पर नियंत्रण कर कृषकों की फसलों का नुकसान से बचाव किया जा सके।