हाल ही में हरियाणा के विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद से ही कांग्रेस पार्टी की रणनीति पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। माना जा रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस की हार राहुल गांधी के लिए बड़े झटके के तौर पर हो सकता है। क्योंकि इसका असर झारखंड विधानसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है। क्योंकि हरियाणा में मिली हार से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर सकता है। जिसका असर राज्य विधानसभा चुनाव पर देखने को मिल सकता है।
बता दें कि हेमंत सोरेन की सरकार जिस तरह से लव जिहाद के मामले, आदिवासी गांव में बांग्लादेशी घुसपैठियों का आना जाना बढ़ना और हिंदुओं पर हमले हुए हैं, उससे झामुमो सरकार जनता के निशाने पर आ गई है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने अभी से इनको मुद्दा बनाते हुए राज्य में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। ऐसे में राज्य में कांग्रेस को जहां पिछड़ी स्थिति में देखा जा रहा है, तो वहीं भाजपा यह भी जानती है कि राज्य में दोबारा सत्ता किसी की नहीं आती है। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस के लिए झारखंड चुनाव का यह रण किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होने वाला है।

कांग्रेस के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं झारखंड चुनाव का रण
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