भारतीय क्रिकेट टीम का घर में टेस्ट सीरीज न हारने का सिलसिला 12 साल और 18 सीरीज के बाद थम गया। न्यूजीलैंड ने तीन में से शुरुआती दो टेस्ट जीतकर 2-0 की अजेय बढ़त बना ली और पहली बार भारत को भारत में हराने का 69 साल पुराना सपना साकार कर लिया। कीवी टीम 1955 से भारत दौरे पर आ रही है। सवाल उठता है कि न्यूजीलैंड ने इतने बड़े कारनामे को अंजाम कैसे दे दिया। पिछले 12 साल में जो काम ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीमें नहीं कर पाईं उसे कीवियों ने कैसे कर दिखाया। इन सवालों के जवाब 5 फैक्टर्स में पहला फैक्टर- अच्छी तैयारी के साथ आया न्यूजीलैंड न्यूजीलैंड की टीम भारत दौरे से पहले श्रीलंका के खिलाफ श्रीलंका में दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलकर आई है। वहां कीवी टीम को 0-2 से हार झेलनी पड़ी थी, लेकिन उसके खिलाड़ियों को स्पिन फ्रेंडली कंडीशन में खेलने की अच्छी प्रैक्टिस मिली। भारत के खिलाफ पहले दो टेस्ट मैचों में यह प्रैक्टिस काम आई। सरे टेस्ट मैच के लिए रैंक टर्नर पिच तैयार की गई। यानी पुणे टेस्ट में पहले दिन से स्पिनर्स के लिए मदद मौजूद थी। इस बार मिचेल सैंटनर और एजाज पटेल जैसे कीवी स्पिनर भारतीय स्पिनर्स से बेहतर परफॉर्म कर गए।

जीलैंड से भारत की हार के टॉप-5 फैक्टर्स
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