बारां। जिला कलक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर बुधवार को जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे पर रहे। उन्होंने मेलखेडी गांव पहुंचकर किसानों से संवाद किया, उनकी समस्याओं को संवेदनशीलता के साथ सुना तथा संबंधित अधिकारियों को मौके पर ही उनकी परिवेदनाओं के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। किसानों के साथ हुई बातचीत के दौरान यह संज्ञान में आया कि कुछ विक्रेताओं द्वारा पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध होने के बावजूद मुहैया नही करवाया जा रहा है। जिला कलक्टर ने तुरंत ऐसे विक्रेताओं को कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही, कलक्टर के निर्देश पर मेलखेडी में नालों की साफ सफाई तथा विद्युत लाईनों को दुरूस्त करने का कार्य शाम तक पूरा कर लिया गया।
संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार अतीश कुमार शर्मा ने बताया कि जिला कलक्टर मेलखेड़ी गांव के कृषक रामेश्वर पुत्र नाथू लाल माली एवं सुरेश पुत्र घासीलाल मेघवाल के खेत पर सरसों फसल की बुवाई की जानकारी ली एवं स्वयं कृषक के खेत पर जाकर ट्रेक्टर चलित सीडड्रिल से सरसों फसल की बुवाई कर संदेश दिया कि अन्नदाता सर्वाेपरि है। उन्होंने कृषको से चर्चा कर बुवाई की जानकारी लेते हुए बीज उपचार, बीज एवं बीज दर तथा सिंचाई कटाई आदि में कुल लागत एवं प्रतिबीधा पैदावार की जानकारी ली।
उन्होंने कृषकों द्वारा राज्य सरकार की विभागीय सिफारिश पर वैकल्पिक उर्वरको जैसे सिंगल सुपर फॉस्फेट एवं यूरिया तथा एनपीके के साथ बुवाई करने की पहल की सराहना की और जानकारी दी की सरसों एवं चना फसल की बुवाई इन उवरकों के साथ करने पर लागत में कमी के साथ-साथ उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।
फसल बुवाई निरीक्षण के दौरान संयुक्त निदेशक कृषि भी साथ रहे उन्होंने बताया की वर्तमान में जिले में यूरिया 25000 मै. टन एनपीके 4500 मै. टन तथा सिंगल सुपर फॉस्फेट 15000 मै. टन उपलब्ध है। उन्होंने कृषकों से आग्रह किया की कृषक वैकल्पिक उर्वरको का उपयोग करें एवं बीज उपचार कर सरसों एवं चना फसल की बुवाई करें तथा जहां फसल बोई जा चुकी है वहां पर पेन्टेड बग एवं आरा मक्खी कीट के नियंत्रण के निम्न उपाय बताए-
पेन्टेड बग एवं आरा मक्खी कीट नियंत्रण के उपाय
1. बुवाई से पूर्व फसल के अवशेषों व खरपतवारों को नष्ट कराए। 2. बीजोपचार कर बुवाई करायें। 3. पेन्टेड बग एवं आरामक्खी कीट का प्रकोप आर्थिक क्षति स्तर (म्ज्स्) से अधिक होने पर रोकथाम हेतु सुबह या शाम के समय कीटनाशी रसायन का छिड़काव/भुरकाव करें। 4. सरसों फसल में पेन्टेड बग कीट नियंत्रण हेतु थायोमिथेक्साम 30 एफ.एस. 5.0 ग्राम या इमिडाक्लोप्रिड 48 एफ.एस. 6.0 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से बीजोपचार कर बुवाई करना प्रभावी रहता है। 5. पेन्टेड बग एवं आरामक्खी कीट की रोकथाम हेतु क्यूनालफॉस 1.5 प्रतिशत या मैलाथियॉन 5 प्रतिशत या मिथाइल पैराथियोंग 2 प्रतिशत या कारबेरिल 5 प्रतिशत चूर्ण 20-25 किलो प्रति हैक्टर की दर से प्रातः या सायंकाल भुरकाव करंे।

जिला कलक्टर रहे ग्रामीण क्षेत्र के दौरे पर, किसानों से किया संवाद
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