कृषक उत्पादक संगठनों की प्रगति समीक्षा बैठक आयोजित

ram

अतिरिक्त जिला कलक्टर ने समस्या एवं सुझाव पर चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए
बारां। अतिरिक्त जिला कलक्टर दिवांशु शर्मा की अध्यक्षता में कृषक उत्पादक संगठनों के गठन एवं संवर्धन योजना के तहत जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई। एडीएम ने मंगलवार को मिनी सचिवालय सभागार में जिले के कृषक उत्पादक संगठन के कार्यों की प्रगति समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने विभिन्न कृषक उत्पादक संगठनों के गठन एवं संवर्धन में संचालित सभी केन्द्र पोषित योजना के तहत एफपीओ की वित्तीय स्थिति पर विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने कृषक उत्पादक संगठन का टर्नओवर, लाभ-हानि, शेयर धारकों की संख्या, आवश्यक लाईसेन्स जैसे सीड, पेस्टिसाइड, फर्टिलाइजर, मंडी, जीएसटी के संबंध में रिपोर्ट लेकर निर्देश दिए। उन्होंने किसानों के लिए बैंक द्वारा ऋण स्वीकृति करने में कोलेट्रल सिक्योरिटी की समस्या एवं कृषक उत्पादक संगठन की विश्वसनीयता में वृद्धि करने के संबंध में निर्देश दिए।
अतिरिक्त जिला कलक्टर ने एफपीओ को निर्देशित किया कि वे किसानों के हितों को सर्वोपरि रखने और पारदर्शी हो। उन्होंने कहा कि बिचौलियों की भूमिका न हो, फसल की गुणवत्ता बढ़ाने पर काम किया जाए। किसानों को किसी प्रकार की समस्याएं आ रही है उनके समाधान के लिए संबंधित अधिकारी उन्हें मार्गदर्शन करें। उन्होंने जिला स्तरीय बैंकर समिति को एफपीओ की वित्तीय समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एफपीओ किसानों का समूह हैं, जो कि एक पंजीकृत संस्था है, जो कृषि और संबद्ध क्षेत्र में उत्पादन और मार्केटिंग में आर्थिक स्तर का सामुहिक लाभ लिया जा सकें। उन्होंने कहा कि एफपीओ का मुख्य उद्देश्य कृषकों को उत्पादन बढ़ाने के लिए कुशल, लागत प्रभावी और स्थायी संसाधन के उपयोग को और बेहतर रिटर्न के लिए तरलता और बाजार से लिंकेज करना है। उन्होंने कहा कि किसानों को बीज, उर्वरक, कीटनाशक जैसे गुणवत्तापूर्ण आदानों की आपूर्ति समय पर एवं थोक दरों पर उपलब्ध कराई जाए।
अतिरिक्त जिला कलक्टर ने कहा कि किसानों के हित में केन्द्र व राज्य सरकार के विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में अवगत कराकर प्रचार-प्रसार करें, जिसमें उन्नत कृषि यंत्र, स्वाईल हेल्थ कार्ड, नैनो यूरिया, नैनो डीएपी का उपयोग, डीएपी के स्थान पर एसएसपी का इस्तेमाल एवं किसानों को फसलों कृषि की नई तकनीक के बारे में जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा जिले में कृषि के क्षेत्र में बिजनेस की अपार संभावनाएं है। कृषक उत्पादक संगठन को कृषि की उन्नत तकनीकी हेतु पैकेज ऑफ प्रैक्टिस अन्तर्गत लिफलेट पम्पलेट का वितरण एवं मार्केटिंग हेतु एफपीओ का ब्राण्ड तैयार कर मूल्य संवर्धन हेतु पैकिंग कर उत्पाद का विक्रय करने की सलाह दी, ताकि बिजनेस मॉडल का विकास हो सकें। उन्होंने कहा कि किसानों को जागरूक कर रासायनिक उर्वरक के उपयोग को कम कराए तथा उन क्षेत्रों का चयन करें। जहां की मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी है, उनके मृदा स्वास्थ्य परीक्षण कर जैविक खेती, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देवे। इस अवसर पर एलडीएम जनवेद मीना, जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड रामप्रसाद शर्मा, संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार अतीश कुमार शर्मा, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग हरिबल्लभ मीणा, उपनिदेशक सतीश लहरी सहित कृषि क्षेत्र में कार्यरत एनजीओ, एफपीओ सदस्य मौजूद रहें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *