सवाई माधोपुर। संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) रामराज मीना ने जिले के किसानों को डीएपी के स्थान पर एसएसपी एवं यूरिया का उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने बताया की इस बार मानसून की अच्छी वर्षा के कारण जिले के बांधों, जलाशयों एवं फार्म पौण्ड में पानी की पर्याप्त उपलब्धता के मध्यनजर रबी सीजन में फसलों का क्षेत्र में बड़ने की संभावना हैं। क्षेत्र में रबी फसलों की बुवाई का समय किसान भाइयों द्वारा फास्फेट उर्वरक के रूप में डीएपी के उपयोग का प्रचलन अधिक है।
संयुक्त निदेशक कृषि ने बताया की जिले के किसानों को बुवाई के समय डीएपी के विकल्प के रूप में एक बेग डीएपी के स्थान पर 3 बेग सिंगल सुपर फॉस्फेट एवं 1 बेग यूरिया का उपयोग करने की सलाह दी। एसएसपी एक फास्फोरस युक्त उर्वरक हैं जिसमें 16 प्रतिशत फास्फोरस एवं 11 प्रतिशत सल्फर की मात्रा पायी जाती है इसमें उपलब्ध सल्फर के कारण यह उर्वरक तिलहनी एवं दलहनी फसलों के लिए डीएपी उर्वरक की अपेक्षा अधिक लाभदायक होता है।
एक बेग डीएपी की किमत में 3 बेग एसएसपी खरीदे जा सकते है। एसएसपी के साथ यूरिया का उपयोग कर फसल बुवाई के समय आवश्यक नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं सल्फर पोषक तत्वों की पूर्ति कम लागत में ही आसानी से की जा सकती हैं।
उन्होंने बताया कि एनपीके ग्रेड उर्वरकों का उपयोग से नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश मुख्य पोषक तत्वों की पूर्ति मृदा में आसानी से कि जा सकती है। फसलों में संतुलित पोषण एवं मृदा की उर्वरा क्षमता बनाये रखने के लिए, फसल का समुचित उत्पादन लेने के लिए विभिन्न एनपीके उर्वरक ग्रेडस – 12ः32ः16, 20ः20ः0, 20ः20ः20, 1़6ः16ः16, 15ः15ः15, 20ः20ः0ः13, 19ः19ः19 आदि उर्वरकों का मृदा परीक्षण के आधार पर की गयी अनुशंषा एवं फसल अवस्था अनुसार डीएपी के बजाय उक्तानुसार एनपीके ग्र्रेडस का किसान भाइयों द्वारा उपयोग किया जाना चाहिए।
सिंगल सुपर फास्फेट एवं ग्रेड उर्वरक कृषि के लिए वरदान
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