कोटपूतली। क्षेत्र में किसानों को गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पाद उचित दर पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कृषि विभाग की टीम ने शनिवार को कोटपूतली, सांगटेड़ा, पनियाला, और भाबरू में खाद-बीज विक्रय केंद्रों और गोदामों का सघन निरीक्षण किया। संयुक्त निदेशक (विस्तार) महेंद्र कुमार जैन और सहायक निदेशक (मुख्यालय) रामजी लाल यादव के नेतृत्व में की गई इस जांच में विक्रेताओं को किसानों के हित में काम करने के निर्देश दिए गए।
निरीक्षण के दौरान एक विक्रेता के रिकॉर्ड में कमी पाई गई, जिस पर नोटिस जारी करते हुए रिकॉर्ड सुधारने के निर्देश दिए गए। महेंद्र कुमार जैन ने किसानों को फसल की बुवाई के समय डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) और यूरिया के उपयोग की सलाह दी। उन्होंने बताया कि 1 बैग डीएपी की जगह 3 बैग एसएसपी और 1 बैग यूरिया का उपयोग अधिक लाभदायक हो सकता है, क्योंकि एसएसपी में फास्फोरस के साथ-साथ सल्फर, जिंक और बोरोन जैसे आवश्यक पोषक तत्व भी होते हैं।
अधिकारियों ने किसानों को यह भी सुझाव दिया कि वे अपनी मिट्टी की जांच कराकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर ही उर्वरकों का उपयोग करें। डीएपी के विकल्प के रूप में एनपीके कॉम्प्लेक्स उर्वरक के विभिन्न ग्रेड—जैसे 12:32:16, 19:19:19, 20:20:0:13—का भी उपयोग किया जा सकता है।
अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि क्षेत्र में यूरिया, एसएसपी और एनपीके सहित सभी उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। किसानों से अपील की गई कि वे पंजीकृत विक्रेताओं से ही खाद और बीज खरीदें तथा प्रत्येक खरीद का बिल अवश्य लें। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि किसान एक साथ बड़ी मात्रा में उर्वरकों का स्टॉक न करें।
कृषि विभाग ने किसानों से आग्रह किया कि खाद-बीज से जुड़ी किसी भी समस्या की सूचना तुरंत अधिकारियों को दें ताकि अनियमितता करने वाले विक्रेताओं पर उचित कार्रवाई की जा सके।

कृषि विभाग अधिकारियों ने किया खाद-बीज दुकानों का सघन निरीक्षण
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