जिला कलक्टर ने जिला निष्पादन समिति की बैठक में समीक्षा कर दिए आवश्यक निर्देश

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चूरू। जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा ने गुरुवार को डीओआईटी वीसी कक्ष में शिक्षा विभाग की जिला निष्पादन समिति की बैठक ली और विभिन्न बिंदुओं पर समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।

इस मौके पर जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा ने कहा कि विद्यालयों में पुस्तकालय व्यवस्था को बेहतर ढंग से विकसित करें ताकि बच्चों को इसका समुचित लाभ मिले। दिवाली की छुट्टियों में विद्यार्थियों को किताबें इश्यू करें और वापस आने पर उनसे पढ़ी गई किताब पर समरी रिव्यू लिखवाएं। इससे बच्चों में पढ़ने की प्रवृत्ति बढेगी और अभिव्यक्ति व विचार संप्रेषण में दक्षता आएगी। उन्होंने कहा कि हमें यह समझना होगा कि केवल पाठ्यक्रम की किताबें ही बच्चों को नहीं सीखाती हैं, दूसरी अच्छी किताबों से भी बच्चों को बहुत कुछ मिलता है।

जिला कलक्टर ने इस मौके पर उन्होंने खेल मैदानों की उपलब्धता और जिले के स्कूलों की खेल उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए कहा कि चूरू जिले में खेलों को लेकर अपार संभावनाएं हैं। हमें इन उपलब्धियों से संतुष्ट होने की बजाय अधिक बेहतर परिणाम अर्जित करने का प्रयास करना चाहिए। सभी स्कूलों में खेल मैदान विकसित हों, इसके लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज प्रतिनिधियों से संपर्क कर प्रयास करें और विद्यार्थियों को बेहतर खेल सुविधाएं व मोटीवेशन मुहैया कराएं।

जिला कलक्टर ने कहा कि उन्होंने कहा कि पीईईओ अपने अधीनस्थ विद्यालयों का नियमित निरीक्षण करें और वहां की व्यवस्थाएं देखें। उन्होंने स्कूलों में शतरंज खेल गतिविधि शुरू कराने के लिए कहा, जिससे बच्चों की गणितीय एवं विश्लेषणात्मक बुद्धि विकसित हो। उन्होंने कहा कि स्कूलों में स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दें और इको क्लब को सक्रिय कर कंपोस्ट पिट आदि एक्टिविटी करवाएं। फिजिक्स वाले विद्यालयों में संसाधनों की उपलब्धता एवं संभावना अनुसार एस्ट्रॉनोमी लैब स्थापित करवाने की दिशा में काम करें। गांवों एवं शहरों के इतिहास को लेकर काम करें ताकि बच्चों में एक बेहतर रूचि विकसित हो।

जिला कलक्टर ने पीएम विद्यालयों को लेकर भी संबंधित संस्था प्रधानों से फीडबैक लिया और आवश्यक निर्देश प्रदान किए। जिला कलक्टर ने विद्यालयों में पोषाहार की समीक्षा करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करें कि बच्चों को समुचित मात्रा में बेहतर गुणवत्तायुक्त पोषाहार उपलब्ध हो।

उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि विभाग से जुड़े समस्त अधिकारी एवं शिक्षक नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए विद्यालय विकास को गति दें तथा विद्यालयों में आधारभूत संरचनाओं सहित सुविधाओं की समुचित उपलब्धता के लिए संकल्प लें। शिक्षा एवं सतत शिक्षा सामाजिक उत्थान की नींव है। इसलिए शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने वाली आधारभूत संरचनाओं व व्यवस्थाओं पर व्यक्तिगत ध्यान देते हुए विद्यालय विकास करें। विद्यालय में बच्चों के लिए आधुनिक व डिजिटल रूप में शिक्षा की समुचित उपलब्धता रहे। इसी के साथ सह -शैक्षिक गतिविधियां भी नियमित रूप से संचालित की जाए।जिला रैंकिंग के लिए सभी पहलुओं का नियमित एनालिसिस करें तथा लक्ष्यनुरूप प्रगति लाते हुए जिले को अव्वल रखें।

सीडीईओ गोविंद सिंह राठौड़ ने बैठक का संचालन करते हुए समस्त बिंदुओं की जानकारी दी। डीईओ प्रारंभिक संतोष महर्षि ने मिड डे मील एवं समसा से संबंधित कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की।

इस दौरान सीईओ श्वेता कोचर, एडीएम अर्पिता सोनी, एसीईओ चैनाराम, पीएचईडी एसई रमेश राठी, एडीपीआर कुमार अजय, एडिशनल सीएमएचओ डॉ अहसान गौरी, समसा के रियाज खान, सीबीईओ ओमदत्त सहारण, अशोक पारीक, संदीप व्यास, समस्त ब्लॉकों के सीबीईओ, पीएम विद्यालयों के संस्था प्रधान एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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