भुखमरी, पैसे की कमी जैसी आपदा को हैती के गैंग्स ने अवसर में किया तब्दील

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हैती के गैंग अपने गिरोह के सदस्यों की संख्या बढ़ाने में लगा है। इसके लिए वो बड़े पैमाने पर बच्चों को रिक्रूट कर रहा है। ह्यूमन राइट्स वॉच की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि हैती के सशस्त्र गैंग तेजी से बच्चों को अपने समूह में रिक्रूट कर रहे हैं। अकाल की स्थिति लड़कों को बंदूक उठाने के लिए प्रेरित करती है। वहीं रिपोर्ट में लड़कियों के यौन शोषण और उन्हें घरेलू काम करने के लिए मजबूर किए जाने की बात कही गई है। विश्व स्तर पर मानवाधिकारों के मुद्दों पर निगरानी करने वाले ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि उसने हाल ही में गिरोहों में शामिल छह बच्चों से बात की थी, जिनमें से सभी ने वे भूख और भोजन, आश्रय व पैसे के एकमात्र सोत्र होने की वजह से इसमें शामिल हुए थे।
ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि लड़कों को अक्सर मुखबिर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही हथियार और गोला-बारूद का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है और पुलिस के खिलाफ संघर्ष में तैनात किया जाता है। इसमें मिशेल नाम के एक अनाथ लड़के के मामले का हवाला दिया गया है। उसे छह साल पहले भर्ती किया गया था जब वह 8 साल का था और सड़कों पर रह रहा था और उसे एक लोडेड कलाश्निकोव दिया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़कियों के साथ बलात्कार किया जाता है और उन्हें गिरोह के सदस्यों के लिए खाना पकाने और साफ-सफाई करने के लिए मजबूर किया जाता है और जब वे गर्भवती हो जाती हैं तो अक्सर उन्हें छोड़ दिया जाता है।

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