ईरान के हमले में मोसाद को टारगेट किया गया है। इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद जो कि दुनियाभर में इजरायल के दुश्मनों को टारगेट करने के लिए जानी जाती है। उसके हेडक्वार्टर पर ईरान ने अटैक किया है। मोसाद के हेडक्वार्टर को तबाह करने का दावा ईरान कर रहा है। इजरायल हालांकि इन खबरों से इनकार कर रहा है। तेल अवीव में ये मिसाइल अटैक हुआ है। हमास चीफ इस्माइल हानिया हो या हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह दोनों की मौत के पीछे की अहम वजह मोसाद को माना जाता है। मोसाद को इंफॉर्मेशन वॉर का सबसे बड़ा खिलाड़ी माना जाता है। उसके हेडक्वार्टर को टारगेट करने का दावा ईरान की तरफ से किया जा रहा है। अगर ऐसा सच है तो इजरायल के अस्तित्व के समय से यानी 1948 के बाद से शायद ये पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी दुश्मन देश ने मोसाद के हेडक्वार्टर पर हमला किया हो। मोसाद के हेडक्वार्टर की लोकेशन तो मालूम है। गूगल में सर्च करने पर भी ये नजर आ जाएगी। इसके अलावा मोसाद के हेडक्वार्टर में इतने सारे फिलिस्तीनी लोगों का इंटोरोगेशन हुआ है।
ऐसे में ईरान ने मोसाद को टारगेट कर मनोवैज्ञानिक बढ़त लेने की कोशिश की है। साथ ही ये बताने की भी कोशिश की है कि चाहे मोसाद हो या उनका बेस जहां एफ-35 विमान खड़े रहते हैं वहां हमले का दावा किया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में नेतन्याहू ने कहा था कि ईरान का कोई भी इलाका हमारी जद से बाहर नहीं है। ईरान ने ये बता दिया कि इजरायल के ठिकाने ईरान की जद से बाहर नहीं हैं। कुल मिलाकर कहे तो ये वार ऐसी स्थिति में आ गई है कि दोनों ही एक दूसरे के इंस्टॉलेशन के बारे में जानते हैं। एक दूसरे पर अंतिम सीमा तक वॉर कर सकते हैं। इसके साथ ही ईरानी टीवी ने दावा किया है कि रिव्यल्यूशनरी गार्ड्स ने हसन नसरल्लाह की हत्या के लिए इस्तेमाल किए गए हत्जेरिम हवाई अड्डे को भी निशाना बनाया है।

मोसाद के हेडक्वार्टर को ईरान ने कर दिया तबाह? नसरल्लाह की हत्या में इस्तेमाल हुए हवाई अड्डे को उड़ाया
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