गोशालाओं को आत्मनिर्भर और सतत बनाने के प्रयास करेंः शासन सचिव

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जयपुर। पशुपालन, गोपालन एवं मत्स्य विभाग के शासन सचिव डॉ समित शर्मा ने सोमवार को पशुधन भवन में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शासन एक बहुत महत्वपूर्ण कार्य है। विभाग के सभी संकाय आपस में समन्वय करते हुए अपने —अपने कामों की माइक्रो प्लानिंग कर विभाग को बेहतर बनाने का प्रयास करें। उन्होंने अधिकारियों को स्थानीय स्तर के कार्यो की मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित करने को कहा जिससे काम को गति मिले और अपेक्षित परिणाम प्राप्त हो । उन्होंने प्रत्येक जिले से साप्ताहिक प्रगति प्रतिवेदन मंगवाने के लिए साप्ताहिक प्रबंधन सूचना प्रणाली तैयार करने और संख्यात्मक तथा गुणात्मक दोनों तरह के प्रगति विवरण रिपोर्ट में प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने विभागीय गतिविधियों और योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार— प्रसार करने पर जोर दिया जिससे आम लोगों तक सूचनाओं की पहुंच हो और वे उसका लाभ उठा सकें। उन्होंने विभाग के पास उपलब्ध वित्तीय संसाधनों का पशु चिकित्सालयों के हित में अधिकतम उपयोग करने के निर्देश दिए।

उन्होंने बैठक में सुझाव दिया कि पॉली क्लिनिक में आजकल बड़े जानवर इलाज के लिए कम आते हैं । अगर डॉक्टर टेलीमेडिसिन से बड़े बीमार जानवरों को इलाज कर सकें तो पशुपालकों को आसानी हो सकती है और बीमार पशुओं को उचित इलाज समय पर मिल सकता है।

उन्होंने गोशालाओं में अधिक से अधिक आधारभूत संरचनाओं का निर्माण करते हुए उन्हें प्राथमिकता से अनुदान देने के भी निर्देश दिए। शासन सचिव ने एक आदर्श गोशाला के मापदंड निर्धारित करने का निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए गोशाला मालिकों के साथ बैठक कर उनके सुझावों को भी विभाग की कार्य योजना में शामिल करें। उन्होंने गोशालाओं को उत्पादक एवं लाभकारी उपक्रम बनाकर इन्हें आत्मनिर्भर और सतत बनाने के निर्देश दिए। शासन सचिव ने गोपालन विभाग को शहर की सड़कों और हाईवे को निराश्रित गायों व अन्य मवेशियों से मुक्त करने के लिए इन गायों को नजदीकी गोशाला में समाहित करने हेतु जिला कलक्टर को पत्र लिखने का निर्देश दिया।

उन्होंने विभागों के अधिकारियों का आह्वान किया कि वे बिना भेदभाव और पक्षपात के साथ निडरता से विभाग के हित में काम करें और विभाग को ऊंचाई तक पहुंचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

बैठक में पशुपालन निदेशक डॉ भवानी सिंह राठौड़, गोपालन निदेशक पी एस नागर तथा मत्स्य पालन विभाग की निदेशक संचिता विश्नोई सहित विभागों के सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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