जयपुर। खान एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी. रविकान्त ने विभागीय एमनेस्टी योजना के दायरे में आने वाले सभी बकायादारों को पत्र जारी करने के साथ ही उनसे सीधे संपर्क कर विभागीय बकाया व ब्याज माफी योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इससे बकाया वसूली के प्रकरणों का निस्तारण होगा, वहीं राज्य सरकार को अधिक राजस्व की प्राप्ति और बकाया वसूली में लगने वाले समय व धन की बचत होगी। उन्होंने स्थानीय स्तर पर ऐसा मंच बनाने पर भी जोर दिया जहां लीजधारकों और विभागीय अधिकारियों के बीच परस्पर समन्वय से खनिज गतिविधियों को और अधिक विस्तारित कर सकें।
प्रमुख शासन सचिव ने गुरुवार को आयोजित खान एवं भूविज्ञान विभाग के अधिकारियों की बैठक में कहा कि विभाग को स्थानीय स्तर पर ऐसा मैकेनिज्म विकसित करना होगा जिससे लीजधारकों की स्थानीय स्तर की समस्याओं का समय रहते समाधान हो सके। इससे खोज, खनन कार्य में आ रही बाधाएं दूर होने के साथ ही खनन व राजस्व में बढ़ोतरी होगी, अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लग सकेगा। उन्होंने एमनेस्टी योजना के बारे में बकायादारों से वन टू वन संपर्क कर पुरानी बकाया वसूली के लिए समयबद्ध टाइमलाईन तय करने के भी निर्देश दिए।
रविकान्त ने खनिज पट्टों की नीलामी के बाद पट्टाधारकों के सामने आने वाली समस्याओं पर कहा कि इससे खनन गतिविधियां आरंभ होने में देरी होती हैं और अन्य ब्लॉकों की नीलामी में भी विपरीत असर पड़ता है। जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित एसआईटी और माइनिंग कमेटी की मीटिंग से पहले इस तरह के बिन्दुओं को चिन्हित किया जाना चाहिए ताकि मीटिंग में इनका हल निकाला जा सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि फील्ड में सतर्कता से अवैध खनन गतिविधियों सहित बहुत सी समस्याओं का आसानी से समाधान हो सकता है। उन्होंने विधान सभा प्रश्नों, विशेष उल्लेख, ध्यानाकर्षण प्रस्तावों सहित विधान सभा से संबंधित लंबित प्रकरणों को शून्य स्तर पर लाने, मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव कार्यालय से प्राप्त पत्रों पर तय समयसीमा में कार्रवाई सुनिश्चित कर उत्तर भिजवाने के निर्देश दिए।
निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि विभाग द्वारा माइनिंग ब्लॉकों की नीलामी में तेजी लाने के साथ ही राजस्व वसूली के भी अच्छे प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि परिवर्तित बजट घोषणा के अनुसार विभागीय बकाया व ब्याजमाफी की एमनेस्टी योजना लागू कर दी गई है और इसमें आगामी 31 मार्च तक बकाया राशि जमा हो सकेगी। उन्होंने कहा कि बकाया राशि की वसूली के लिए अभी से समयबद्ध प्रयास करने होंगे।
बैठक मेें अतिरिक्त निदेशक माइंस एमपी मीणा, बीएस सोढ़ा, पीआर आमेटा, वाईएस सहवाल, अतिरिक्त निदेशक भूविज्ञान एनपी सिंह सहित खान एवं भूविज्ञान विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।