सवाई माधोपुर। विश्व रेबीज दिवस 28 सितम्बर के उपलक्ष्य में गुरूवार को वेटरनरी पांलिक्लिनिक आलनपुर सवाई माधोपुर में जिले को रेबीज मुक्त बनाने के उद्देश्य से विश्व रेबीज जागरूकता पर डॉ. राजीव गर्ग संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग सवाई माधोपुर के मुख्य अतिथ्यि में सेमिनार का आयोजन हुआ। इस दौरान लगभग 100 छात्र-छात्राओं एवं पशुधन सहायक ने भाग लिया। रणथंभौर टाइगर रिजर्व के मुख्य वन संरक्षक अनुप के.आर. आईएफएस के निर्देशन में आयोजित वन्य जीव चिकित्सालय रणथंभौर द्वारा आयोजित किया गया
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. विकास मीणा ने इंसानों में रैबिज के लक्षण और उपचार, डॉ राजीव गर्ग ने पालतू पशुओं में लक्ष्ण और उपचार, डॉ बालाराम ने रैबिज से बचाव, डॉ राजेश ने पशु टीकाकरण के बारे में बताया।
वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. चन्द्र प्रकाश मीना ने चमगादड़, आवारा कुते और पालतू कुत्तों से रेबीज के बचाव व उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि रेबीज एक घातक बीमारी है जो मनुष्यों एवं पशुओं में पागल कुत्ते के काटने से फैलती है, क्योंकि वे संक्रमित कुत्तों के लिये आसान लक्ष्य है। संक्रमित जानवर से लार के साथ टुटी हुई त्वचा या श्लेस्म झिल्ली के संक्रामक के माध्यम से भी जोखिम हो सकता है । एक बार जब बीमारी से न्यूरोलॉजिकल लक्षण विकसित हो जाते हैं, तो रेबीज पशुओं और मनुष्य दोनों के लिये घातक होता है। रेबीज पुरी तरह से रोकथाम योग्य है। सभी कुत्तों का सामुहिक टीकाकरण रेबीज के नियंत्रण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि एण्टी रेबीज कार्यक्रम, बडे पैमाने पर रेबीज टीकाकरण और शिक्षा कार्यक्रमों को बढावा देकर, क्रियान्वित करके रेबीज के बौझ को कम किया जा सकता है। पशुपालन विभाग द्वारा रेबीज मुक्त जिला बनाने के लिए जिलेवासियों से सहयोग प्रदान करने की अपील।

रेबीज जागरूकता पर सेमिनार का हुआ आयोजन
ram