कलकत्ता: तृणमूल नेता मदन मित्रा ने आरजीसीआर मामले के विरोध में सिंगुर-नंदीग्राम से तुलना की। उन्होंने कहा, ‘इस आंदोलन को देखकर मुझे सिंगूर-नंदीग्राम की याद आती है। वाम शासन के खिलाफ तृणमूल का अंतिम चरण का आंदोलन सिंगूर-नंदीग्राम था। अगर सरकार बदलनी है तो छब्बीस का चुनाव है। आरजी हमले में विस्फोटक मदन मित्रा ने सरकार का साथ दिया और पुलिस का साथ दिया। उन्होंने कहा, ‘अगर वे गोली चलाते तो 500 लोगों की जान चली जाती, पुलिस ने इसे बर्दाश्त कर लिया।’
‘अगर किसी को सत्ता परिवर्तन चाहिए तो 2026 में चुनाव होगा…’
मदन मित्रा ने कहा, ‘पहले हमने देखा जब ममता बनर्जी सभी नागरिकों के साथ सड़कों पर उतरीं और बार्टा स्ट्रीट पर आईं, हमने वो भी देखा। आज जो सितारे मार्च कर रहे हैं वो ममता बनर्जी के मार्च के सितारे थे। जबकि सीपीएम के खिलाफ तृणमूल का आखिरी चरण का आंदोलन चल रहा था। खासकर नंदीग्राम सिंगूर के बाद। इस प्रकार का आंदोलन कभी नहीं होता। विरले ही होता है। क्योंकि इसके लिए एक मुद्दे की आवश्यकता होती है।

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