सवाई माधोपुर। गरीब परिवार में जन्म लेने वाली बालिकाओं के पालन-पोषण की चिंता अब माता-पिता को करने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि यह जिम्मेदारी अब प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने अपने कंधों पर उठा ली है। बालिका जन्म को प्रोत्साहित करने के साथ ही जन्म से लेकर उनके वयस्क होने तक बालिकाओं के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार ने राज्य में बालिका के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने एवं उनके स्वास्थ्य तथा शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए सम्पूर्ण प्रदेश में 1 अगस्त, 2024 से ‘‘लाडो प्रोत्साहन योजना’’ लागू हो गई है। इस अभिनव योजना में गरीब परिवार की बालिकाओं के जन्म पर एक लाख रूपए का सेविंग बॉण्ड राज्य सरकार की ओर से दिया जाएगा।
जिला कलक्टर डॉ. खुशाल यादव की अध्यक्षता में योजना के सफलता पूर्वक क्रियान्वयन के संबंध में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित हुई।
महिला अधिकारिता विभाग के उप निदेशक अमित गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने संस्थागत प्रसव के दौरान बेटी के जन्म पर मां-बाप को खुशी देने व बेटी के उज्ज्वल भविष्य के लिए लाडो प्रोत्साहन योजना के शुभारंभ की घोषणा की है।
क्या बदलाव लाएगी यह योजना:- बालिका की किलकारी गुंजने पर अक्सर मां-बाप के चेहरों पर उसके लालन-पालन और भविष्य के खर्चों की चिंता की लकीरें दिखाई देने लगती है। इन चिंताओं की वजह से ही शिशु लिंगानुपात घट रहा है। इन सारी चिंताओं को दूर करने के लिए ही मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा लाडो प्रोत्साहन योजना लाए हैं। योजना से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिलेगा और मातृ मृत्यु दर के साथ ही बालिका शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी। साथ ही घटते शिशु लिंगानुपात में भी सुधार ला सकेंगे। बालिकाओं का विद्यालय में नामांकन एवं ठहराव भी बढ़ेगा। माता-पिता उनकी पढ़ाई जल्दी नहीं छुडवाएंगे, जल्दी शादी नहीं करवाएंगे जिससे बाल विवाह में कमी लाने में भी मदद मिलेगी।
क्या मिलेगा ‘‘लाडो प्रोत्साहन योजना’’ में:- इस योजना में राजस्थान की मूल निवासी प्रसूता द्वारा राजकीय चिकित्सा संस्थान/जननी सुरक्षा योजना के लिए अधिस्वीकृत निजी चिकित्सा संस्थान में बालिका के जन्म पर 1 लाख रूपए राशि का संकल्प पत्र प्रदान किया जाएगा। बालिका के जन्म से लेकर 21 वर्ष आयु पूरी करने तक राशि का भुगतान 7 किश्तों में डीबीटी के माध्यम में ऑनलाईन किया जाएगा। पहली छह किश्तें बालिका के माता-पिता अथवा अभिभावक के बैंक खाते में तथा 7वीं किश्त बालिका के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से ऑनलाईन हस्तांतरित की जाएगी। राज योजना को लाडो प्रोत्साहन योजना में समाहित करते हुए इस योजना की आगामी किश्तों का लाभ पात्रतानुसार लाडो प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत देय होगा।
विभिन्न चरणों में देय राशि:- पात्र चिकित्सा संस्थानों में बालिका का जन्म होने पर पहली किश्त 2 हजार 500 रूपए, बालिका की आयु एक वर्ष पूर्ण होने एवं समस्त टीकाकरण होने पर दूसरी किश्त 2 हजार 500 रूपए, राजकीय विद्यालय या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय में पहली कक्षा में प्रवेश लेने पर तीसरी किश्त 4 हजार रूपए, राजकीय विद्यालय या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय में छठी कक्षा में प्रवेश लेने पर चौथी किश्त 5 हजार रूपए, राजकीय विद्यालय या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय में 10वीं कक्षा में प्रवेश लेने पर पांचवी किश्त 11 हजार रूपए, राजकीय विद्यालय या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय में 12वीं कक्षा में प्रवेश लेने पर छठी किश्त 25 हजार रूपए तथा राजकीय एवं राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों से स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने एवं 21 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर 7वीं किश्त 50 हजार रूपए डीबीटी के माध्यम से ऑनलाईन हस्तांतरित की जाएगी।
योजना की पात्रता एवं प्रक्रिया:- योजना के पात्रता के तहत बालिका का जन्म राजकीय चिकित्सा संस्थान अथवा जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाय) के लिए अधिस्वीकृत निजी चिकित्सा संस्थान में होना आवश्यक है। साथ ही, प्रसूता का राजस्थान की मूल निवासी होना भी जरूरी है। गर्भवती महिला की एएनसी जांच के दौरान राजस्थान की मूल निवासी होने का प्रमाण-पत्र अथवा विवाह पंजीयन प्रमाण-पत्र, बैंक खाते का विवरण आदि दस्तावेज प्राप्त कर उनका चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संधारण किया जाएगा और पीसीटीएस पोर्टल पर विवरण दर्ज किया जाएगा। संस्थागत प्रसव के तहत बालिका का जन्म होने के बाद प्रथम किश्त का लाभ बालिका की माता या माता के नहीं होने पर पिता के बैंक खाते में देय होगा। माता-पिता दोनों नहीं रहे तो अभिभावक के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से ऑनलाईन हस्तांतरण होगा।
प्रत्येक बालिका को जन्म के समय ही यूनिक आईडी अथवा पीसीटीएस आईडी नंबर दिया जाएगा। बालिका की आयु एक वर्ष पूर्ण होने एवं संपूर्ण टीकाकरण सुनिश्चत होने की ऑनलाईन जानकारी उपलब्ध होने के बाद दूसरी किश्त की राशि माता-पिता अथवा अभिभावक के खाते में ऑनलाईन ट्रांसफर की जाएगी। पहली एवं दूसरी किश्त की राशि चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा ओजस पोर्टल के माध्यम से डीबीटी प्रणाली द्वारा दी जाएगी।
तीसरी किश्त से लेकर छठी किश्त के लाभ हेतु प्रथम कक्षा से 12वीं कक्षा में प्रवेश लेने के उपरांत संबंधित राजकीय अथवा राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के माध्यम से दिया जाएगा जहां बालिका अध्ययनरत है। बालिका के माता-पिता से पूर्व की किश्तों की यूनिक यूनिक आईडी अथवा पीसीटीएस आईडी नंबर मांगा जाएगा इसके अलावा पृथक से कोई आवेदन नहीं करना होगा। आईडी के माध्यम से पोर्टल पर बालिका का विवरण ट्रेक किया जाएगा।
योजना की अंतिम किश्त के लिए बालिका के स्नातक कक्षा में प्रवेश लेने पर संबंधित दस्तावेज पोर्टल पर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अपलोड किए जाएंगे ताकि स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने एवं 21 वर्ष की आयु पूरी करने पर योजना की अंतिम किश्त की राशि बालिका के खाते में सीधे हस्तांतरित की जा सके।
योजना का पर्यवेक्षण एवं क्रियान्वयन:- योजना का प्रशासनिक विभाग निदेशालय महिला अधिकारिता, महिला एवं बाल विकास होगा। प्रत्येक तीन माह में योजना की समीक्षा जिला स्तर पर संबंधित जिला कलक्टर द्वारा की जाएगी। योजना का पर्यवेक्षण बेटी बचाओ-बेटी पढाओ योजना की जिला टास्क फोर्स द्वारा किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन एवं सफल संचालन के लिए समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।

राजस्थान में एक अगस्त से लागू हुई ‘‘लाडो प्रोत्साहन योजना’’
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