केरल सरकार पर बरसे पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव, वायनाड त्रासदी के लिए अवैध खनन को बताया जिम्मेदार

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केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने वायनाड में भूस्खलन त्रासदी में 222 से अधिक लोगों की मौत के लिए अवैध खनन और मानव निवास को जिम्मेदार ठहराते हुए सोमवार को केरल सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह स्थानीय राजनेताओं द्वारा अवैध मानव निवास को अवैध संरक्षण है। पर्यटन के नाम पर भी वे उचित जोन नहीं बना रहे हैं। उन्होंने इस क्षेत्र पर अतिक्रमण की अनुमति दे दी। यह बेहद संवेदनशील क्षेत्र है। मंत्री ने कहा कि हमने पहले ही पूर्व वन महानिदेशक संजय कुमार की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर दी है। स्थानीय सरकार के संरक्षण में अवैध मानव निवास और अवैध खनन गतिविधियां हुई हैं।

राज्य सरकार के अनुसार, पिछले सप्ताह केरल के वायनाड के गांवों में हुए घातक भूस्खलन की श्रृंखला में मरने वालों की संख्या 222 हो गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, कुल मृतकों में 97 पुरुष, 88 महिलाएं और 37 बच्चे थे। इसमें कहा गया है कि मारे गए 222 लोगों में से 172 के शवों की पहचान उनके रिश्तेदारों ने की है। अब तक विभिन्न स्थानों से कुल 180 शरीर के अंग बरामद किए गए हैं और उनमें से 161 का पोस्टमार्टम पूरा हो चुका है।

सीएमओ ने बयान में कहा कि वायनाड, कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों के विभिन्न अस्पतालों में 91 लोगों का इलाज चल रहा है और 256 लोगों को पहले ही छुट्टी दे दी गई है। इस बीच, अधिकारियों ने कहा कि जिले के जंगल में एक झरने के पास फंसा 18 सदस्यीय दल सुरक्षित है। समूह के सदस्यों में से एक ने एक समाचार चैनल को फोन पर बताया कि उन्हें भूस्खलन में मारे गए एक व्यक्ति का शव मिला था, और रविवार शाम को उसे बरामद करने में उन्हें ढाई घंटे लग गए, जिससे वे इलाके में फंस गए। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि उसके बाद शव को हवाई मार्ग से ले जाया गया। समूह के सदस्य ने कहा, “हम बहुत सुरक्षित हैं।” उन्होंने कहा कि केरल पुलिस की थंडरबोल्ट टीम के जल्द ही उन तक पहुंचने की उम्मीद है।

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