किशनगंज में निर्माणाधीन 220 केवी जीएसएस केलवाडा़ का काम यथासमय पूर्ण करने के पूरे प्रयास किये जाएंगे : ऊर्जा राज्य मंत्री

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जयपुर। ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने सोमवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि विधानसभा क्षेत्र किशनगंज में बन रहे 220 केवी जीएसएस केलवाडा़ का काम यथासमय पूर्ण करने के पूरे प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि काम में देरी के लिए संवेदक को निर्देशति किया गया है। यदि संवेदक द्वारा इसके बावजूद कार्य में लापरवाही की गई, तो अनुबंध निरस्त कर समुचित कार्रवाई की जाएगी।

ऊर्जा राज्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र किशनगंज में प्रस्‍तावित 220 केवी जीएसएस केलवाडा़ के निर्माण हेतु तकनीकी एवं वित्तीय निविदा खोली जा चुकी है तथा कार्यादेश का कार्य प्रक्रियाधीन है। इससे सम्‍बन्धित लाइनों का कार्यादेश 04 अक्टूबर 2023 को जारी किया जा चुका है, जिसको पूर्ण करने की तिथि 04 अक्टूबर 2025 निर्धारित की गई है।

इससे पहले विधायक ललित मीना के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि राजस्‍थान राज्‍य विद्युत प्रसारण निगम के अन्‍तर्गत विधानसभा क्षेत्र किशनगंज-शाहबाद के 132 केवी जीएसएस मांगरोल पर 132/33 केवी, 20/25 एमवीए क्षमता का अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मर वर्ष 2024-25 की क्षमता आवर्धन योजना में प्रस्‍तावित है।

नागर ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र किशनगंज में रामगढ-रेलावन व सैमली फाटक क्षेत्र में 132 केवी जीएसएस हेतु प्रस्‍ताव प्रारम्भिक स्‍तर पर तकनीकी साध्‍यता का परीक्षण किया जा रहा है। साध्‍य होने पर प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु भेजा जायेगा। उन्होंने बताया कि तलहटी क्षेत्र कस्‍बाथाना के समीप देवरी में 132 केवी जीएसएस 13 जून 2023 को स्‍वीकृत कर निर्माण हेतु दिनांक 15 मार्च 2024 को कार्यादेश जारी किया जा चुका है। उक्‍त जीएसएस को मार्च, 2026 तक स्‍थापित किया जाना लक्षित है। अत: तलहटी कस्‍बाथाना में नये जीएसएस निर्माण की आवश्‍यकता नहीं होगी। उन्होंने बताया कि उक्त विधानसभा क्षेत्र किशनगंज की पंचायत समिति शाहबाद व किशनगंज के ग्राम सन्‍दोकडा़, धुंवा में 33/11 केवी सब-स्‍टेशन बनाया जाना तकनीकी रूप से साध्‍य नहीं है।

ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि गांव सुवांस, छीनोद, बांसथूनी, सिमलोद, दुर्जनपुरा में 33/11 केवी के सब-स्‍टेशन बनाने के प्रस्‍ताव का प्रारंभिक स्‍तर पर तकनीकी साध्‍यता का परीक्षण किया जा रहा है। साध्‍य होने पर प्रस्‍ताव प्रशासनिक स्‍वीकृति हेतु भेजा जायेगा।

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