गत दो वर्षों में महिला उत्पीडन के मामलों में कमी आई है : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री

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जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार द्वारा महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गंभीरता से काम किया जा रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2022 से 2024 तक महिला अपराधों की संख्या में 6 प्रतिशत की कमी आई है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का गृह मंत्री की ओर से जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए महिलाओं की ज्यादा आवाजाही वाले 7 हजार 400 स्थान चिह्नित किये गए हैं। इसके अलावा महिला अपराधों पर कड़ी नजर रखने के लिए 20 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरा की खरीद के आदेश जारी किये गए हैं। उन्होंने बताया कि महिला स्क्वाड में 200 मोटरसाइकिल के साथ ही वायरलेस बॉडी कैम की सुविधा भी दी गई है।

इससे पहले विधायक इन्द्रा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 01 जनवरी 2024 से 30 जून 2024 तक महिला उत्पीङन के 20 हजार 767 प्रकरण दर्ज हुए हैं। उन्होंने संख्यात्मक विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा महिला अपराधों की रोकथाम हेतु विशेष महिला अपराध अनुसंधान इकाई का गठन समस्त जिलों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में वर्ष 2019 से किया गया है। महिला सुरक्षा हेतु एक टोल फ्री नम्बर 1090 महिला गरिमा हैल्पलाइन के नाम से राज्य के समस्त जिलों में संचालित किया जा रहा है।

श्री सिंह ने बताया कि निरन्तर गश्त निगरानी एवं जागरुकता अभियान चलाये जा रहे हैं। शहरों के मुख्य स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों द्वारा निगरानी जारी हैं। महिलाओं एवं बच्चियों की सुरक्षा हेतु 26 मार्च 2021 से स्थानीय पुलिस से संवाद स्थापित करने के आशय से राजस्थान पुलिस द्वारा सुरक्षा सखी नाम से योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जो समस्त जिलों में संचालित है। राज्य के 1024 पुलिस थानों में से 1020 पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क संचालित है। महिला हेल्प डेस्क पर महिला अधिकारी की नियुक्ति कर महिला अपराध से संबंधित शिकायतों की संवेदनशीलता से सुनवाई कर प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने महिला सुरक्षा एवं महिलाओं से संबंधित अपराधों की रोकथाम हेतु पुलिस मुख्यालय स्तर से समय-समय पर जारी परिपत्रों एवं दिशा-निर्देशों की प्रतियां सदन के पटल पर रखी।

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