बच्चों के मंगल स्वास्थ्य को लेकर चल रहा स्टॉप डायरिया अभियान, 31 अगस्त तक चलेगा यह अभियान

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सवाई माधोपुर। गर्मी, मानसून के मौसम और बाढ, प्राकृतिक आपदा के दौरान डायरिया की संभावित उच्च घटनाओं से निपटने के लिए राज्य में स्टॉप डायरिया अभियान की शुरूआत की गई है। एक जुलाई से शुरू किए गए इस अभियान के तहत डायरिया की रोकथाम, सफाई और ओआरएस से रखें अपना ध्यान, थीम पर विभिन्न गतिविधियां 31 अगसत, 2024 तक आयोजित होंगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. धर्मसिंह मीणा ने बताया कि इस अभियान में मुख्य फोकस 0 से 5 वर्ष तक की आयु वर्ग के नौनिहाल हैं, जिन्हें घर जाकर जिंक की गोली और ओआरएस का घोल दिया जाना शुरू किया गया है। स्टॉप डायरिया अभियान का उद्धेश्य दस्त के कारण होने वाली शिशु मृत्यु को शून्य करना है। इस केम्पेन के अन्तर्गत विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जानी है। आशा सहयोगिनी द्वारा 5 वर्ष से छोटे बच्चों के घर जाकर जिंक की गोली और ओआरएस उपलब्ध करवाया जाकर दस्त होने की स्थिति में ओआरएस तथा जिंक का उपयोग प्रारम्भ करने की सलाह दी जाएगी। प्रत्येक चिकित्सा संस्थान, मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला/उप जिला/सेटेलाईट अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, आयुषमान आरोग्य मन्दिर तथा आंगनबाडी केन्द्रों में डायरिया प्रबंधन व ओआरएस व जिंक के उपयोग की सही विधि सिखाने हेतु ओआरएस जिंक कॉर्नर स्थापित किए जा रहे हैं। समुदाय स्तर पर, ओपीडी में एवं आईपीडी में दस्त रोग का प्रबंधन एवं उपचार हेतु निर्धारित उपचार प्लान ए, बी, सी के अनुसार जाना है।
स्टॉप डायरिया अभियान के तहत राज्य में दस्त से पीड़ित बच्चों में ओआरएस और जिंक के उपयोग का उच्च कवरेज सुनिश्चित करना, पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में दस्त की रोकथाम और प्रबंधन के लिए देखभाल करने वालों में उचित व्यवहार विकसित करना, उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों (मलिन बस्तियों, सूखा/बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र) और कमजोर समुदायों पर विशेष ध्यान देते हुए घरेलू स्तर पर ओआरएस और जिंक की बेहतर उपलब्धत और उपयोग, निर्जलीकरण के मामलों के प्रबंधन के लिए सुविधा स्तर को सुदृढ़ बनाना, सूचना, शिक्षा और संचार, सामाजिक व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से दस्त की रोकथाम और नियंत्रण पर संचार को बढ़ाये जाने का कार्य किया जाना है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. धर्मसिंह मीणा ने बताया कि अभियान के दौरान, सीएचओ, एएनएम द्वारा बैठकें आयोजित कर डायरिया की पहचान, रोकथाम और नियंत्रण के बारे में जानकारी का प्रसार किया जाएगा, जिसमें ओआरएस और जिंक के महत्व, निरंतर भोजन, बाल दस्त के नियंत्रण में हाथ धोने और शौच के लिए शौचालय के उपयोग पर जानकारी दी जाएगी। स्कूलों, आंगनवाडी केंद्रों में हाथ धोने का प्रदर्शन किया जाएगा। यह गतिविधि सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों, निजी विद्यालयों तथा आंगनवाड़ी केन्द्रों में आयोजित की जाएगी। सुबह की सभा, प्रार्थना के बाद सभी विद्यार्थियों को हाथ धोने के महत्व का संदेश दिया जाएगा, भोजन से पहले, सभी बच्चों को हाथ धोने के चरणों का पालन करते हुए पानी और साबुन से हाथ धोना सिखाया जाएगा, स्कूली बच्चों द्वारा हाथ धोने के विषय पर रैली निकाली जाएंगी। सभी स्वास्थ्य संस्थानो में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दृष्टि से पानी की टंकियों की सफाई करवाई जाएगी। अस्पताल में स्वच्छता सुनिश्चित करने हेतु बायो मेडिकल वेस्ट एवं सामान्य कचरे का सही निस्तारण सुनिश्चित किया जाएगा। चिकित्सा संस्थानो, स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों व सामुदायिक संस्थानो को हाथ धोने के तरीके का प्रदर्शन किया जाएगा।

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