फ्रांस चुनाव में बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। वामपंथी गठबंधन को संसदीय चुनाव के दूसरे दौर में सबसे अधिक सीटें मिलती नजर आ रही है। जबकि पहले दौर में जीत हासिल करने वाले गठबंधन को जीतने का अनुमान था। लेकि वो तीसरे स्थान पर खिसक गये। इस चुनावों से तीन प्रमुख राजनीतिक गुट उभरे हैं- फिर भी उनमें से कोई भी 577 सीटों वाले निचले सदन नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए जरूरी 289 सीटों के करीब नहीं पहुंच पाया है। यहां सबसे बड़े गुट बनकर उभरे वामपंथी गठबंधन को 182 सीटें मिली हैं। वहीं मैक्रों के गठबंधन को 168 सीटें, जबकि धुर दक्षिणपंथी रैसेमबलेमेंट नेशनल और उसके सहयोगियों को 143 सीटें मिली हैं।
कई जगह भड़की हिंसा
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में पुलिस को दंगा गियर पहने हुए प्रदर्शनकारियों का सामना करते हुए दिखाया गया, जबकि आंसू गैस छोड़ी गई और कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर मोलोटोव कॉकटेल फेंके, स्मोक बम छोड़े, जिससे उनके और दंगा पुलिस के बीच झड़पें हुईं। पॉपुलर फ्रंट में फ्रांस की सोशलिस्ट पार्टी, फ्रांसीसी कम्युनिस्ट पार्टी और फ्रांस अनबोएड शामिल हैं। चुनाव के पहले दौर में नेशनल रैली की शानदार जीत के बाद धुर दक्षिणपंथ को सीधे जीतने से रोकने के लिए पार्टियों ने एक अप्रत्याशित गठबंधन बनाया। फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, वामपंथी गुट ने मैक्रों के पेंशन सुधार को खत्म करने और 60 साल में सेवानिवृत्त होने का अधिकार” स्थापित करने सहित कई उपाय करने का वादा किया है। इस बीच, प्रधान मंत्री गेब्रियल अटाल ने कहा कि वह सोमवार को इस्तीफा दे देंगे लेकिन जब तक इस पद पर कोई नया उम्मीदवार नियुक्त नहीं किया जाता तब तक वह कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे।