आकाशीय बिजली की संभावित दुर्घटनाओं से बचाव के लिए जिला प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी

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बारां। बारिश के दिनों में आकाशीय बिजली गिरने का खतरा बना रहता है, जिस कारण जन-धन की हानि भी होती है। इससे बचाव के लिए जिला कलक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर के निर्देशों पर जिला प्रशासन एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। साथ ही, जिला कलेक्टर ने आकाशीय बिजली की घटनाओं से हताहत होने वाले पीड़ितों को नियमानुसार तत्काल सहायता राशि प्रदान करने के भी निर्देश दिए है। एडवाइजरी में आकाशीय बिजली से बचाव के लिए आमजन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। आकाशीय बिजली किसी भी समय गिर सकती है। यह मानसून के दौरान जून-जुलाई में अधिक होती है। दोपहर और सायंकाल के बीच वज्रपात की घटनाएं सर्वाधिक देखी जाती हैं। ऊंची नुकीली संरचनाओं, पेड़ों तथा नदी, तालाब व अन्य पानी वाली जगहों पर आकाशीय बिजली गिरने की अधिक संभावना होती है। ऐसे स्थानों से दूर रहने की सलाह दी गई है।

क्या करें तथा क्या न करें – अगर आप घर या काम पर है
एडवाइजरी के अनुसार अगर आप घर या काम पर है, आकाश में बादल तथा हवा की बढ़ती गति को देखें। अगर आप बिजली की गड़गड़ाहट सुनते हैं, तो आप बिजली के आधात के काफी करीब हैं। मौसम के अद्यतन समाचारों तथा चेतावनी निर्देशों हेतु स्थानीय मीडिया की खबरें देखते-सुनते रहें। घर के अंदर रहें तथा अगर संभव हो तो यात्रा करने से बचें। खिड़कियों तथा दरवाजों को बंद कर लें, तथा अपने घर के बाहर रखे सामानों जैसे, फर्नीचर, डिब्बों, इत्यादि को सुरक्षित करें। यह सुनिश्चित करें कि बच्चे तथा पालतू जानवर घर के अंदर रहें।

अनावश्यक विद्युत उपकरणों का प्लग निकाल दें, वृक्ष की लकड़ियों या कोई अन्य मलबों को हटा दें जिससे कोई दुर्घटना हो सकती है। स्नान करने या फव्वारे में स्नान करने से बचें, तथा बहते हुए जल से दूर रहें। क्योंकि धातु के पाइप के द्वारा बिजली गुजर सकती है। दरवाजों, खिड़कियों, अग्नि स्थानों (फायर प्लेसिज), स्टोव, बाथ टब, या कोई अन्य विद्युत सुचालकों से दूर रहें। तार वाले फोन तथा अन्य विद्युत उपकरणों, का प्रयोग करने से बचें।

अगर आप बाहर हैं
अगर आप घर के बाहर है तो एडवाइजरी में बताया गया है की तत्काल सुरक्षित आश्रय में जाएं तथा धातु की संरचनाओं व धातु की शीट से निर्मित चीजों से बचें। निम्नवर्ती क्षेत्र में आश्रय लें तथा आश्वस्त हो जाएं कि चुने हुए स्थान बाढ़ की संभावना वाले न हों। बिजली के संभावित आघात से स्वयं को कम से कम जगह पर रखने के लिए दोनों पैरों को मिलाकर नीचे बैठ जाएं तथा सिर को नीचे झुका लें। आपकी गर्दन के पीछे खड़े बाल संकेत कर सकते हैं कि आकाशीय बिजली निकटस्थ हैं। धरती पर फैलकर मत लेटें, आप अपने पूरे शरीर पर, बिजली के बड़े निशाने पर हो सकते हैं। सभी उपयोगिता तारों जैसे लाइन, फोन, बिजली, इत्यादि, धातु के घेरों-बाड़ों, वृक्षों, तथा पहाड़ी की चोटियों से दूर रहें। पेड़ो के नीचे आश्रय नहीं लें क्योंकि ये बिजली के संचालक हो सकते हैं। रबड़ के सोल वाले जूते तथा कार के टायर बिजली कड़कने के दौरान सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं।

अगर आप यात्रा कर रहे हों
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा यह भी सलाह दी गई है कि अगर आप यात्रा कर रहे है तो साइकिल, मोटरसाइकिल या खेती के वाहनों से उतर जाएं क्योंकि ये आकाशीय बिजली को आकर्षित कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में किसी सुरक्षित आश्रय में चले जाएं। अगर नांव चला रहे हैं या तैर रहे हैं, तो यथाशीघ्र किनारों पर जमीन पर आ जाएं तथा कहीं आश्रय लें। अपने वाहन को वृक्षों तथा बिजली के तारों से दूरी रखकर पार्क करें।

एडवाइजरी में इलाज के संबंध में कहा गया है कि ऐसे व्यक्ति को तत्काल अस्पताल ले जाएं जो आकाशीय बिजली गिरने से घायल हुआ है। हो सके तो प्राथमिक उपचार दें। आकाशीय बिजली का शिकार व्यक्ति अलग-अलग डिग्री तक जल सकता है, प्रभावित शारीरिक स्थान, चोट की जांच आवश्य करें।

जिला कलक्टर ने निकायों, पंचायत राज संस्थाओं, गैर सरकारी संगठनों, चिकित्सा पेशेवरों और स्थानीय निकायों को आकाशीय बिजली से बचाव के लिए सावधानियों की व्यापक जानकारी देने विशेष कार्यक्रम चलाने के भी निर्देश दिए हैं। जिससे वे अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को आकाशीय बिजली से बचाव के प्रति जागरूक कर सकें।

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