पर्यावरण संरक्षण के लिए घर-घर जाकर जागरूक करने का अनूठा प्रयास

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जयपुर। राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस सप्ताह के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण हेतु जारी जन जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला में शुक्रवार को सार्वजनिक पार्कों में पर्यावरण संरक्षण से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसी के साथ जवाहर नगर स्थित कच्ची बस्ती में कपडे के थैलों का वितरण किया गया एवं प्लास्टिक निर्मित उत्पादों यथा प्लास्टिक कैरी बैग्स एवं सिंगल यूज़ प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग न करने के सम्बन्ध में नुक्कड़ नाटक के जरिये जागरूक किया गया।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों ने सुबह सार्वजानिक पार्कों में जाकर वहां आमजन से पर्यावरण संरक्षण से सम्बंधित प्रश्न पूछे, वहीं प्रतिभागियों को कपड़े के थैले के साथ पौधे देकर पौधरोपण एवं कपडे के थैलों के उपयोग को दिनचर्या का भाग बनाने के लिए जागरूक किया।

विश्व पर्यावरण दिवस एक आयोजन या समारोह तक ही सीमित न हो और बड़ी आबादी इस पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन को अपनी दैनिक जीवन का भाग बना सके। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी सड़कों पर उतरे और सार्वजनिक स्थानों पर कपडे के थैले वितरण करने के साथ घर-घर जाकर भी कपड़े के थैले वितरित किये ताकि आमजन को प्लास्टिक केरी बैग्स के उपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया जा सके और कपडे के थैले को उपयोग में लेने के लिए संकल्पित किया जा सके। इसी क्रम में छोटे बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य निजी विद्यालयों में पर्यावरण जागरूकता पर कार्यक्रम आयोजित किया गया, साथ ही सेल्फी स्टैंड लगाए गए जहाँ बच्चो ने रोचकता के साथ सेल्फी ली एवं पर्यावरण संरक्षण करने का संकल्प लिया।

जन-जागरूकता के कार्यक्रम के तहत मंडल द्वारा पेट्रोल पम्पों पर वाहनों को नि:शुल्क पीयूसी प्रमाण पत्र के साथ कपड़े के थैले एवं सीड बॉल्स भी वितरित किये गए। वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के साथ आमजन को वाहनों से होने वाले प्रदूषण के सम्बन्ध में भी जागरूक किया गया।

उल्लेखनीय है कि राज्य को प्रदूषण एवं प्लास्टिक मुक्त करने की यह विशेष पहल राज्य के प्रत्येक क्षेत्र में एक मुहिम के रूप में चलायी जा रही है। इस मुहिम में आमजन का अपेक्षित सहयोग एवं प्रतिभागिता यह इंगित करती है मंडल अधिकारियों द्वारा जन जागरूकता के लिए किये जा रहे सार्थक प्रयासों के परिमाणस्वरुप अब वो दिन दूर नहीं जब राज्य के प्रत्येक घर में प्लास्टिक कैरी बैग्स की जगह कपड़े के बने थैले होंगे और प्रदूषण एवं प्लास्टिक मुक्त राज्य की संकल्पना को जल्द ही साकार किया जा सकेगा

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