राज्य सड़क सुरक्षा संस्थान द्वारा एचसीएम रीपा में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

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जयपुर। राज्य में घटित सड़क दुर्घटनाओं की ऑनलाइन डाटा प्रविष्टि के लिए उपयोग की जाने वाली तकनीक इन्टिग्रेटेड रोड एक्सिडेंट डेटाबेस (iRAD) एप्लीकेशन की जानकारी पुलिसकर्मियों को देने के उद्देश्य से राज्य सड़क सुरक्षा संस्थान, परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग, राजस्थान द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन ओटीएस में किया गया। प्रशिक्षण में शहर के दुर्घटना थाना उत्तर, दक्षिण, पश्चिम एवं यातायात के कांस्टेबल, हैड कांस्टेबल, उप निरीक्षक एवं निरीक्षक स्तर के पुलिसकर्मियों ने भाग लिया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए आयुक्त, परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग डॉ. मनीषा अरोड़ा ने कहा कि आई रैड एप्लीकेशन एक महत्वपूर्ण तकनीक है, जो कि सड़क दुर्घटनाएं रोकने में कारगर सिद्ध हो सकती है। आई-रैड (iRAD) एप्लीकेशन से जुड़े समस्त हितधारक विभागों को संयुक्त रूप से इस पर कार्य करने की आवश्यकता है। अपर परिवहन आयुक्त (सुड़क सुरक्षा) निधि सिंह ने विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा क्षेत्र में किये जा रहे नवाचारों की जानकारी देते हुये प्रतिभागियों से आई रैड की समयबद्ध एवं सही डाटा एंट्री करने की महत्ता पर जोर दिया।
इस अवसर पर सड़क सुरक्षा वॉर रूम के प्रभारी सत्यवीर यादव ने मोटर वाहन अधिनियम के सड़क दुर्घटना से जुड़े महत्वपूर्ण प्रावधानों की जानकारी देते हुये सड़क दुर्घटना केसों में आईपीसी सहित मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं को भी एफआईआर में दर्ज करने की जानकारी दी। आई.टी., एनआईसी राजस्थान के वरिष्ठ निदेशक पाल यादव ने राज्य सरकार द्वारा इंटेलीजेंस टेªफिक मैनेजमेंट सिस्टम के अंतर्गत संचालित विभिन्न प्रोजेक्ट की जानकारी दी, वहीं आईरेड के स्टेट रोलआउट मैनेजर यतीश गुप्ता ने इस एप्लीकेशन के उपयोग की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम चरण में इस तकनीक को सड़क सुरक्षा संबंधी हितधारक विभागों परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग, पुलिस विभाग, सड़क निर्माण विभाग/एजेंसियों तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कार्मिकों द्वारा सड़क दुर्घटनाओं के विस्तृत आंकडे़ एकत्रित करने, उनका विश्लेषण करने तथा दुर्घटना आंकड़ों की रिपोर्ट आदि बनाने के लिए किया जा रहा है। एनआईसी के प्रोजेक्ट मैनेजर आशुतोष भट्ट ने विभाग द्वारा संचालित इंट्रीग्रेटेड ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम एवं ई चालान प्रोजेक्ट की प्रक्रिया को केस स्टडीज के वीडियो द्वारा समझाया।
इस अवसर पर राज्य सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, डॉ. एल. एन. पाण्डे द्वारा राज्य सरकार द्वारा सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में भी जानकारी देते हुए बेसिक लाइफ सपोर्ट की जानकारी दी। सड़क सुरक्षा वॉर रूम के सलाहकार ने हिट एंड रन केसों के पीड़ितों एवं उनके परिवारजनों को मिलने वाले मुआवजा हेतु महत्वपूर्ण योजना की जानकारी दी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन सत्र में राज्य सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ के पुलिस उपअधीक्षक उज्जवल शर्मा ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये। संस्थान के सहायक निदेशक मनोज वर्मा ने प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुये बताया कि विभाग द्वारा आगामी समय में राज्य के अन्य जिलों के पुलिस कर्मियों हेतु भी कार्यशालाएं आयेाजित की जाएगी।

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