‘‘उड़ान छुट्टियों की’’ नाट्य कार्यशाला का आयोजन

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टोंक। कम्यूनिटी थियेटर टोंक विगत 7 वर्षों की भांति इस वर्ष भी 20 मई से 16 जून तक ‘‘उड़ान छुट्टियों की’’ ग्रीष्मकालीन नाट्य कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस दिशा में बच्चों के साथ बतौर सुगमकर्ता शुभम मेघवंशी, गर्वित गिदवानी, मोहित वैष्णव तथा चितरंजन नामा एवं युवाओं के साथ सुगमकर्ता अमन तसेरा एवं रामरतन गुगलिया मुख्य रूप से प्रशिक्षण दे रहे हैं। कम्यूनिटी थिएटर टोंक के मोहित वैष्णव ने बताया कि इस कार्यशाला के माध्यम से बच्चों को नाट्यकला के गतिविधियों से परिचित कराने का प्रयास के साथ बच्चों को नाटकीय खेलों एवं व्यायामों के माध्यम से उनमें आत्मविश्वास को विकसित एवं अभ्यास करने के अवसरों का निर्माण किया जा रहा है, जो उनके व्यक्तित्व को निखारने तथा भावनाओं और विचारों को सशक्त माध्यम से संप्रेषित करने में उनकी सहायता करेगा। इस कार्यशाला का विषयवस्तु राष्ट्रीय पाठ्यचर्या 2005 से प्रेरित है एवं इसकी अभिशंसाओं को प्रायोगिक तौर पर बच्चों के इस स्वैच्छिक सहभागिता को आधार बना कर रूपायित किया जाएगा। रंगमंच हमें हमारे सोचने/समझने, कल्पना एवं रचनात्मकता का भरपूर अवसर बनाता है। इसके साथ ही साथ एक दूसरे को समझते हुए निर्णय लेने के अभ्यासों को मजबूती देता है। एक-दूसरे को समझने एवं निर्णय लेने के कौशलों से तमाम जि़ंदगी गुथी होती है और पग-पग पर निर्णय बनाना पड़ता रहता है। यह क्षमताएँ कल्पना एवं रचनात्मकता के साथ मिल एक आत्मविश्वासी व्यतित्व का गठन करने में खास भूमिका निभाते हैं। अत: बच्चों में झिझक, आत्मविश्वास, कल्पना/रचनात्मकता एवं निर्णयशीलता को प्रखर करने के लिए कम्यूनिटी थिएटर टोंक द्वारा इस रंगमंच कार्यशाला का आयोजन पिछले 7 वर्षों से टोंक में किया जा रहा है, जहां कार्यशाला के अंत में बाल अभिनेता एक नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से दर्शकों को मंच पर अभिनय करते दिखाई पड़ते है। अभी तक शहर के 800 से अधिक बच्चें रंगमंच की विधाओं को समझते हुए कई प्रभावी नाट्य प्रस्तुतियां मंचित कर चुके हैं, जिसमें ईदगाह, वाइब्रेशन, गिल्ली डंडा, बूंद, बोल, ब्रेक फ्री छुक-छुक खेल आदि शामिल हैं। वहीं इस वर्ष छोटे बच्चों का समूह कहानी ‘‘रूपा हाथी’’ तथा युवाओं का समूह ‘‘अंधेर नगरी चौपट राजा’’ के माध्यम से हमारे सामने मंच पर होंगे।

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