नयी दिल्ली । आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने वाली कंपनियों के लिए बाजार नियामक सेबी ने कहा है कि बिक्री पेशकश (ओएफएस) के आकार में किसी भी बदलाव के लिए नए सिरे से फाइलिंग की जरूरत सिर्फ रुपये में निर्गम के आकार या शेयरों की संख्या पर ही आधारित होगी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक अधिसूचना में कारोबारी सुगमता बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया है। अधिसूचना के मुताबिक, निर्गम के बाद इक्विटी शेयर पूंजी का पांच प्रतिशत से अधिक हिस्सा रखने वाली प्रवर्तक समूह की इकाइयों और गैर-व्यक्तिगत शेयरधारकों को प्रवर्तक के रूप में चिह्नित किए बगैर ‘न्यूनतम प्रवर्तक अंशदान’ (एमपीसी) में आई कमी की भरपाई की अनुमति दी जा सकती है।

बाजार नियामक SEBI ने IPO की तैयारी में जुटी कंपनियों के लिए नियम बदले
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