जयपुर। नेटथियेट कार्यक्रम की श्रृंखला में आज *ग़ज़ल सांझ* कार्यक्रम में ग़ज़ल सिंगर *नफीस अहमद* ने अपनी मखमली आवाज़ में सुप्रसिद्ध शायरो की गजलों का गुलदस्ता पेश कर मौसिकी से रूबरू कराया ।
नेटथियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू बताया कि कलाकार नफीस ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत शायर कफील अहमदाबाद की गजल *मिलने को यूं तो शहर में क्या-क्या नहीं मिला जिसकी तलाश थी वही चेहरा नहीं मिला* से की । इसके बाद उन्होंने पारसा कौसरी जयपुरी की सुप्रसिद्ध गज़ल *चैन मिल जाएगा जमाने को, फुख दूंगा जब आशियाने को* और *रौनक हमारे शहर में तन्हा तुम्ही से है, घर घर तुम्हारा जिक्र है चर्चा तुम्ही से है* शायर अनीस देहलवी की गजल सुना कर माहौल को रंगीन कर दिया ।और और अंत में नफीस अहमद द्वारा रचित एक गीत *तुम्हें देखकर ऐसा लगा जैसे मिल गया सारा जहां* सुन कर दाद पाई । कलाकार नफीस ने जब अपनी पुरकशिश आवाज में इन गज़लो को सुनाया तो दर्शक वाह-वाह कर उठे ।
इनके साथ तबले पर *निफतीयाज खान* और गिटार पर *नावेद खान* ने अपनी उंगलियों का जादू दिखाकर गज़ल की इस महफिल को परवान चढाया।
कार्यक्रम संयोजन नवल डांगी, कार्यक्रम में इम्पीरियल प्राइम कैपिटल के कला रसिक मनीष अग्रवाल की ओर से कलाकारों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कैमरा मनोज स्वामी, संगीत संयोजन सागर विनोद गढवाल, मंच सज्जा अंकित शर्मा नानू व जिवितेश शर्मा की रही।

रौनक हमारे शहर में तनहा तुम्ही से है,घर-घर तुम्हारा जिक्र है चर्चा तुम्ही से है
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