गजसिहपुर. विधानसभा चुनावों के दृष्टिगत कस्बेवासी विभिन्न मुद्दों को उठाने लगे हैं। जगह जगह यही सवाल उठ रहा है कि नई धान मंडी कब बनेगी। करनपुर रोड पर जगह चिन्हित की जा चुकी है व 96 बीघा भूमि अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी होने के बावजूद किसानों द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने से मामला लटका हुआ है जबकि पिछले विधानसभा चुनावों में भी यह मुद्दा उठाया गया था कि प्रत्याशियों ने कस्बेवासियों को मिल-बैठकर मामला सुलझाने व किसानों को समझाकर नई मंडी बनाने या उच्च न्यायालय में पुरजोर विशेषज्ञ कानूनज्ञों से पैरवी करवाकर नई मंडी बनाने का आश्वासन दिया था।यह मांग किसानों, व्यापारियों व धानक,तौला मजदूर सभी ने उठाई थी परन्तु पांच वर्षों से इस दिशा में कोई कदम स्थानीय विधायक या राज्य सरकार द्वारा नहीं उठाया गया। किसानों का कहना है कि कृषि जिन्सो व वाहन के लिये स्थान नहीं मिलता व धानक,तौला, मजदूरों का कहना है कि धानमंडी में शेड व विश्राम की व्यवस्था नहीं होने से गर्मी व बारिश में खुले आसमान नीचे काम करना पड़ता है। वहीं बस स्टैंड नहीं होने से सड़कों पर यात्रियों को खड़े होकर बसों को रोकना पड़ता है।बस स्टैंड नहीं होने से न बसों का ठहराव हो पाता है न यहां से सीधी बसें जाती है बल्कि पिछले शहरों से ही दूसरे स्थानों पर जाने वाली बसों को ही सड़कों पर खड़े होकर रोका जाता है।बस स्टैंड के लिये पदमपुर रोड पर सार्वजनिक निर्माण विभाग विश्राम गृह की भूमि भी खरीद की जा चुकी है परन्तु पिछले चुनावों में भी वादा करके भी एक इंट भी नहीं लगाई।यह स्थान ज्यों का त्यों खाली पड़ा है परन्तु नगरपालिका पास राशि नहीं है। इसमें एक हाल व बुकिंग व दो कमरों का प्रस्ताव नगरपालिका ने तकनीकी विभाग से राज्य सरकार व विधायक को भेजा परंतु पिछले पांच सालों से न राज्य सरकार ने विधायक कोटे से कोई राशि जारी हुई। पिछले पांच वर्षों से कस्बे के किसी भी राजकीय कार्यालयों में मुखिया अधिकारी रहे न पूरा स्टाफ रहा न शिक्षक व चिकित्सक ही पूरे रहे।