शाहपुरा – कहते है कि अपने लिए तो हर कोई जीवन जीता पर जो बेजुबान पशु पक्षियों के लिए जीवन जीता है उसे ही जीवन कहते है ऐसा ही कारनामा बुधवार को जीव प्रेमी गोविन्द भारद्वाज ने कर दिखाया। यह घटनाअलवर तिराहे शाहपुरा की है जहाँ एक बन्दर के मुंह के अन्दर लकड़ी फ़सी हुई थी गले से पार हो कर निकल गई थी जिससे वह बन्दर तीन दिन से तड़प रहा था। वहाँ राहगीरों एवं फल विक्रेताओं ने घटना की सूचना एलएसए गोविन्द भारद्वाज को दी। सूचना मिलते ही भारद्वाज ने काफी प्रयास किया आखिर बन्दर को पकड़ कर उसके मुंह से बड़ी मुश्किल से लकड़ी को निकाल कर बन्दर की जान बचाई। भारद्वाज़ ने बताया कि लकड़ी बन्दर के मुंह से होते हुए गले मे निकल गई जिसमे कीड़े पड़ गये थे जिसकी ड्रेसिंग की गई। उपचार के बाद चार पाँच दिन से भूखे बन्दर को भारद्वाज ने फ्रूटी पिलाई। इस दौरान भोलाराम पलसानिया, प्रकाश योगी, संजू सचिन आदि उपस्थित थे।
गोविन्द भारद्वाज बन्दर के गले मे फसी लकड़ी को निकालकर दिया नया जीवन
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