बीकानेर। खाजूवाला व छतरगढ़ तहसील को बीकानेर जिले में ही रखने की मांग को लेकर 52 दिनों से चल रहा आंदोल अब एक बार फिर उग्र रूप ले सकता है। बुधवार को कस्बे को पूरी तरह बंद करवाया गया, वहीं आसपास की मंडियों में भी बोली नहीं हो सकी।खाजूवाला के सयुंक्त व्यापार मंडल ने बुधवार को बाजार बंद रखते हुए खाजूवाला बचाओ संघर्ष समिति को समर्थन दिया। खाजूवाला का संपूर्ण बाजार बंद रहा। खाजूवाला के साथ ही अन्य अनाज मंडियों में जिंसों की बोली नहीं हुई। एसडीएम ऑफिस के पास आम सभा हुई, जिसमें बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुअए और खाजूवाला व छतरगढ़ को बीकानेर जिले में ही रखने की मांग रखी। इससे पहले मंगलवार को भी एसडीएम कार्यालय खाजूवाला के सामने नारेबाजी कर आक्रोश जताया। इसके बाद तहसीलदार हरदीप सिंह को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। संघर्ष समिति के एडवोकेट भूपेंद्र सिंह, एडवोकेट पुरुषोत्तम सारस्वत, मोहनलाल सिहाग, एडवोकेट सलीम खान ने सरकार को चेतावनी दी गई हैं कि डी-नोटिफिकेशन जारी करें अन्यथा अब धरनार्थियों का धैर्य जवाब दे रहा हैं। रणनीति बनाकर आंदोलन तेज किया जायेगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी।बीकानेर में गहलोत से मिलेगा प्रतिनिधि मंडल सीएम अशोक गहलोत बीकानेर के 29 सितंबर को बीकानेर दौरे में एक प्रतिनिधि मंडल मिलने जाएगा। इस दौरान शांतिपूर्ण तरीके से खाजूवाला को बीकानेर में रखने की मांग की जाएगी। इसके बाद आंदोलन के आगे की रूपरेखा तय होगी।