जयपुर। राजस्थान में पाकिस्तान से आए अल्पसंख्यक नागरिकों की उपस्थिति एक बार फिर चर्चा में है। पुलिस मुख्यालय की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, विभिन्न प्रकार के वीज़ा पर राजस्थान में रह रहे 841 पाकिस्तानी अल्पसंख्यक नागरिकों ने लॉन्ग टर्म वीज़ा (LTV) के लिए आवेदन किया है। ये वे लोग हैं, जो भारत में स्थायी रूप से बसने की इच्छा रखते हैं और नागरिकता अधिनियम के तहत राहत की उम्मीद में हैं।वहीं दूसरी ओर, हाल ही के दिनों में वीज़ा अवधि समाप्त होने या नियमों का उल्लंघन करने के कारण 109 पाकिस्तानी नागरिकों को राजस्थान से वापस पाकिस्तान भेजा गया है। यह कार्रवाई भारतीय कानूनों और वीज़ा नियमों के तहत की गई।
क्या कहता है लॉन्ग टर्म वीज़ा (LTV)
LTV भारत सरकार द्वारा उन पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, पारसी, बौद्ध) को दिया जाता है, जो धार्मिक प्रताड़ना के चलते भारत आए हैं और यहां स्थायी निवास की इच्छा रखते हैं। यह वीज़ा नागरिकता प्राप्ति की दिशा में पहला कदम माना जाता है, जिसमें शिक्षा, नौकरी, संपत्ति खरीदने जैसी कई सुविधाएं सशर्त रूप से दी जाती हैं।
नागरिकता कानून पर छाया सन्नाटा
गौर करने वाली बात यह है कि 2020 में लागू नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के बावजूद अभी तक ज़मीनी स्तर पर इसका व्यापक क्रियान्वयन नहीं हो सका है। ऐसे में LTV के लिए आवेदन कर रहे इन नागरिकों का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है।सामाजिक ताना-बाना और मानवीय पहलू यह केवल आंकड़ों का मामला नहीं है, बल्कि मानवीय सरोकारों का विषय भी है। इनमें से कई परिवार सालों से भारत में रह रहे हैं, उनकी अगली पीढ़ी यहीं पली-बढ़ी है। ऐसे में उन्हें भारत में स्थायी नागरिकता देने की मांग लगातार उठती रही है।



